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दौरे पर सियासत: छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का अमित शाह पर तंज, बस्तर की जनता की ओर से पूछे ये आठ सवाल

अमर उजाला नेटवर्क, जगदलपुर Published by: अनुज कुमार Updated Fri, 04 Apr 2025 10:07 PM IST
सार

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर सियासत शुरू कर दी है। उन्होंने बस्तर की जनता की ओर से शाह से कुछ सवाल पूछे हैं। दीपक बैज ने गृह मंत्री से 8 सवाल पूछते हुये जवाब मांगा है। 

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Congress Deepak Baij asked 8 questions to Amit Shah on behalf of Bastar
अमित शाह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अमित शाह छत्तीसगढ़ आ रहे है, बस्तर जायेंगे। यह समझना पड़ेगा कि अमित शाह बार-बार बस्तर क्यो आ रहे हैं? छत्तीसगढ़ में जब 15 साल भाजपा की सरकार थी तब तक बस्तर नहीं आये लेकिन अब बार- बार क्यो आ रहे हैं? यह कांग्रेस पार्टी का सवाल है, अमित शाह बस्तर आते हैं तब नक्सलियों की एक चिट्ठी आती है कि हम चर्चा के लिये तैयार हैं। युद्ध विराम के लिये तैयार हैं। यह एक तरह अमित शाह के लिये तैयार की गई स्क्रिप्ट है, पॉलिटिकल स्टंट है।

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ताकि अमित शाह बस्तर में जाकर बोले की हमारी सरकार की कार्यवाही से नक्सली डर गये और सरेंडर कर रहे हैं। यह सोची समझी प्लानिंग के तहत काम किया जा रहा है। अमित शाह का बस्तर आने का मकसद है कि नक्सलवाद का खात्मा करना नहीं बल्कि उनके चहेते उद्योगपतियों के जल, जंगल, जमीन, माइंस देने के लिए रास्ता तैयार करने आ रहे हैं। बस्तर में बहुत से मूल्यवान खनिज हैं इसलिये उद्योगपतियों के लिये जमीन तलाश करने आये हैं। अमित शाह,अंबानी और अडानी को बस्तर के खनिज संसाधनों को सौंपने के लिए आ रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ वासियों और बस्तर वासियों की तरफ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से 8 सवाल पूछते हुये जवाब मांगा है। अमित शाह जवाब दें...


1. शाह गारंटी देंगे बस्तरियों के मंशा के खिलाफ अडानी या अन्य उद्योगपतियों की बस्तर में एंट्री नहीं होगी?
भाजपा का जब भी कोई बड़ा नेता बस्तर आता है तो बस्तर के लोगों को यह लगता है कि उनके संवैधानिक हकों पर आक्रमण होगा। उनके जल, जंगल, जमीन को किसी और को सौंप दिया जायेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर आने पर बस्तर वासियों के मन में शंका पैदा हो रही है कि मोदी के मित्र अडानी के लिए रेड कारपेट बिछाने भाजपा के नेता बार-बार बस्तर आ रहे हैं। अमित शाह इस बात की गारंटी देंगे कि बस्तर के आदिवासियों तथा बस्तरियों के भावनाओं के विपरीत बस्तर में अडानी एवं अन्य उद्योगपतियों की एंट्री नहीं होगी?

2. एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में क्यों नहीं आ रहा?
एनएमडीसी भारत की वह नवरत्न कंपनी है जो लौह अयस्क तो बस्तर से निकलती है और उसे दुनिया भर में भेजती है। परंतु अपना मुख्य कार्यालय बस्तर की बजाए तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बनाए बैठी है, पूर्व में बस्तर में यातायात के अभाव से यह निर्णय ठीक लगता था। परंतु वर्तमान में बस्तर भी अब सर्वसुविधायुक्त बन चुका है। एनएमडीसी को अपना मुख्यालय अब बस्तर में बनाना चाहिए। ताकि बस्तर के बेरोजगार युवाओं के लिए एनएमडीसी में रोजगार के दरवाजे खुल सकें। अमित शाह जी बताये एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में क्यों नहीं आ रहा?  

3. नंदराज पहाड़ की लीज केन्द्र रद्द क्यों नहीं कर रहा?
नंदराज पहाड़ से ग्रामीणों की आस्था जुड़ी हुई है। वे उस पहाड़ को देवतुल्य मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं। बैलाडीला नन्दराज पहाड़ लौह अयस्क के दोहन हेतु रमन सरकार ने 2016-17 में अडानी को लीज पर दिया था। जिसके विरोध में क्षेत्र के ग्रामीणों ने लंबा संघर्ष किया। भूपेश बघेल सरकार बनते ही राज्य सरकार अडानी को दी गयी लीज खारिज कर दिया। परंतु आज दिनांक तक केन्द्र ने इसके लिए किसी प्रकार की नोटिफिकेशन जारी नही किया। अमित शाह बताये अडानी का हित बड़ा है या आदिवासियों की आस्था?

4. नगरनार नहीं बिकेगा इसकी गारंटी देंगे?
बस्तर का नगरनार स्टील प्लांट जो कि बस्तर वासियों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है जिसे केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्र को फायदा पहुंचाने विनिवेश करना चाहती है। बस्तर विशेषकर लोगो की भावना से जुड़ा नगरनार संयंत्र बेचने की कार्यवाही कब बंद होगी? नगरनार नहीं बिकेगा इसकी गारंटी देंगे?

5. आरक्षण विधेयक कब तक लंबित रहेगा?
छत्तीसगढ़ की जनता के हित में भूपेश सरकार ने विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित करवा कर राजभवन भेजा था, इस विधेयक में सर्व समाज के लिये आरक्षण का प्रावधान है जिसमें आदिवासी समाज के लिये भी 32 प्रतिशत ओबीसी के लिये 27 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिये, 13 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग के गरीबो के लिये 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। अमित जवाब दे आदिवासियों का 32 प्रतिशत आरक्षण कब तक राजभवन में लंबित रहेगा? संवैधानिक रूप से राजभवन केन्द्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। अमित शाह गृहमंत्री है। अमित शाह बताये आरक्षण संशोधन विधेयक पर कब तक हस्ताक्षर होगा? आदिवासी समाज को उसकी आबादी के अनुपात में उसका हक मिलने आप और भाजपा क्यों बाधा बनी हुई है? अब तो राज्य में डबल इंजन की सरकार है।

6. दल्लीराजहरा जगदलपुर रेल लाइन क्यों शुरू नहीं हो रही?
सन् 2017-18 में दल्लीराजहरा रेलमार्ग के निर्माण का उद्घाटन स्वयं देश के प्रधानमंत्री ने भानुप्रतापपुर से किया था और मंच से आश्वस्त किया था कि 2021 में यह बनकर तैयार हो जाएगा। इस रेलमार्ग में यात्री ट्रेनें सरपट दौड़ेगी। परंतु आज दिनांक तक यह रेल लाइन का कार्य खत्म नहीं हुआ है जो कि बस्तर की जनता के साथ छलावा है। अमित शाह बताये यह कब पूरा होगी?

7. भारतमाला परियोजना रोड को जगदलपुर से क्यों नही जोड़ा जा रहा?
भारत माला ओडीशा के नवरंगपुर से होकर जा रही है। नगरनार से भारत माला की दूरी 32 किमी के आसपास है। केन्द्र सरकार जगदलपुर से भारत माला तक जोड़ने पहल करे या एनएमडीसी नगरनार से भारत माला तक सड़क निर्माण कराये।

8. मोदी सरकार ने 2006 के वन अधिकार अधिनियम में संशोधन क्यों किया?
जल, जंगल, जमीन के अधिकारों से स्थानीय आदिवासियों को वंचित करने और खनन माफिया अपने नीति पूंजीपति मित्रों को अनुचित लाभ पहुंचाने 2006 के वन अधिकार अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों को मोदी सरकार ने शिथिल कर दिया है। क्या केंद्रीय गृह मंत्री आदिवासियों से माफी मांगेंगे?

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