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छत्तीसगढ़: राकेश चुरेंद्र ने किया कमाल, बस्तर ओलंपिक में 65 किलो वजन उठाकर हासिल किया प्रथम स्थान
अमर उजाला नेटवर्क, जगदलपुर
Published by: विजय पुंडीर
Updated Thu, 04 Dec 2025 03:05 PM IST
सार
राकेश कुमार चुरेंद्र वेटलिफ्टिंग में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए जिला स्तरीय बस्तर ओलिंपिक में राकेश ने 65 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
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राकेश कुमार चुरेंद्र
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल ब्लॉक के ग्राम चिहरो निवासी 22 वर्षीय राकेश कुमार चुरेंद्र ने वेटलिफ्टिंग में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए जिला स्तरीय बस्तर ओलिंपिक में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले राकेश की यह सफलता पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गई है।
जिला स्तरीय बस्तर ओलिंपिक में राकेश ने 65 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने बताया कि यह क्षण उनके लिए बेहद गर्व और उत्साह से भरा हुआ था। अपने संघर्ष और मेहनत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति और उपकरणों की कमी ने कई बार मुश्किलें पैदा की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आगामी बस्तर जिले में आयोजित होने वाली संभाग स्तरीय प्रतियोगिता को लेकर राकेश बेहद उत्साहित हैं और लगातार तैयारी कर रहे हैं। उनका लक्ष्य संभागीय स्तर पर जीत हासिल करना और आगे चलकर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर चिहरो गांव व जिले का नाम रोशन करना है।
राकेश ने क्षेत्र के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर लक्ष्य मजबूत हो और मेहनत सच्ची, तो किसी भी साधन की कमी आपको रोक नहीं सकती, राकेश की यह प्रेरणादायी कहानी बस्तर के युवाओं के लिए एक मजबूत संदेश है कि इच्छाशक्ति और अनुशासन के दम पर बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
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जिला स्तरीय बस्तर ओलिंपिक में राकेश ने 65 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने बताया कि यह क्षण उनके लिए बेहद गर्व और उत्साह से भरा हुआ था। अपने संघर्ष और मेहनत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति और उपकरणों की कमी ने कई बार मुश्किलें पैदा की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आगामी बस्तर जिले में आयोजित होने वाली संभाग स्तरीय प्रतियोगिता को लेकर राकेश बेहद उत्साहित हैं और लगातार तैयारी कर रहे हैं। उनका लक्ष्य संभागीय स्तर पर जीत हासिल करना और आगे चलकर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर चिहरो गांव व जिले का नाम रोशन करना है।
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राकेश ने क्षेत्र के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर लक्ष्य मजबूत हो और मेहनत सच्ची, तो किसी भी साधन की कमी आपको रोक नहीं सकती, राकेश की यह प्रेरणादायी कहानी बस्तर के युवाओं के लिए एक मजबूत संदेश है कि इच्छाशक्ति और अनुशासन के दम पर बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।