पहले क्या थे पुतिन?: लॉ ग्रेजुएट, अर्थशास्त्र में पीएचडी; ऐसे दुनिया का सबसे ताकतवर नेता बना केजीबी का जासूस
Putin India Visit: व्लादिमीर पुतिन ने कानून में स्नातक और अर्थशास्त्र में पीएचडी की, लेकिन उनकी असली पहचान 1998 में केजीबी के महानिदेशक के रूप में बनी।। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे पुतिन की शिक्षा और जासूसी करियर ने उन्हें एक ताकतवर नेता बनाया।
विस्तार
Vladimir Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। आज शाम दिल्ली पहुंचने से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुतिन की इस यात्रा को दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान उच्चस्तरीय वार्ता, द्विपक्षीय समझौते और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की संभावना है।
ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे पुतिन की शिक्षा और करियर ने उन्हें सिर्फ रूस का नेता ही नहीं, बल्कि जासूसों का मास्टरमाइंड बना दिया...
व्लादिमीर व्लादिमिरोविच पुतिन का जन्म 7 अक्तूबर 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग), रूस में हुआ था। उनके पिता व्लादिमीर स्पेराट्सकी एक कार्यकर्ता और मां मारिया इवानोव्ना घरेलू महिला थीं। पुतिन का बचपन मुश्किलों भरा था। वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की पीढ़ी से थे और उनके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेनिनग्राद में पूरी की। बचपन से ही उन्हें खेलों, खासकर जूडो और साम्बो में रुचि थी, जो बाद में उनके शारीरिक और मानसिक अनुशासन का आधार बने।
लॉ ग्रेजुएट और अर्थशास्त्र में पीएचडी
पुतिन ने अपनी उच्च शिक्षा लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी (अब सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी) से की। उन्होंने 1975 में कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। इस दौरान, पुतिन को अंतर्राष्ट्रीय कानून और राजनीतिक विज्ञान में गहरी रुचि विकसित हुई। यही शिक्षा उन्हें आगे चलकर केजीबी और राजनीति में कदम रखने का रास्ता खोलने में मददगार साबित हुई।
इसके बाद, उन्होंने 1980 अर्थशास्त्र में पीएच.डी. भी की, जो उनके निर्णय लेने और रणनीतिक सोच को बेहतर बनाने में मददगार साबित हुई।
केजीबी और जासूसी करियर
1975 में पुतिन ने केजीबी (सोवियत संघ की खुफिया सेवा) में शामिल होकर अपनी जासूसी की ट्रेनिंग शुरू की। उन्होंने विशेष रूप से विदेशों में कार्य करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की कला में महारत हासिल की।
उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य पूर्वी जर्मनी में हुआ, जहां उन्होंने ड्रेस्डन में कई वर्षों तक जासूस के रूप में काम किया। यह समय उनके लिए रणनीति और गुप्त कार्यों में कुशल बनने का दौर था।
केजीबी से इस्तीफा देने के बाद भी, उनकी जासूसी और रणनीतिक सोच उनके राजनीतिक करियर में अहम भूमिका निभाती रही।
प्रधानमंत्री से राष्ट्रपति तक का सफर
पुतिन ने 1990 के दशक में रूस की राजनीति में कदम रखा। उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग में सरकारी प्रशासन में काम किया और जल्दी ही अपनी छवि एक कठोर और माहिर प्रशासक के रूप में स्थापित कर ली।
1999 में, राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने पुतिन को रूस का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। उसी वर्ष, येल्तसिन के अचानक इस्तीफे के बाद पुतिन ने राष्ट्रपति का पद संभाला।
उनकी नीतियां मुख्य रूप से रूस की केंद्रीय सत्ता को मजबूत करने, आर्थिक सुधार लाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस की छवि को मजबूत करने पर केंद्रित रही हैं।
एक सख्त नेता या रणनीतिक मास्टरमाइंड?
पुतिन की अंतरराष्ट्रीय छवि जटिल है। एक ओर उन्हें सख्त और प्रभावशाली नेता माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उनकी खुफिया पृष्ठभूमि और रणनीतिक चालों ने दुनिया भर में उनके बारे में जासूसी और रहस्यवाद का माहौल बना दिया है।
वे कई बार “दुनिया के सबसे प्रभावशाली जासूस” के रूप में भी संदर्भित किए जाते हैं, क्योंकि उनकी राजनीतिक चालें और अंतरराष्ट्रीय नीति अक्सर बेहद सूक्ष्म और रणनीतिक होती हैं।