सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Chhattisgarh ›   Kanker News ›   Children education under the shadow of conversion Anganwadi worker converts to Christianity angry villagers re

धर्मांतरण के साए में बच्चों की शिक्षा: आंगनबाड़ी सहायिका ने अपनाया ईसाई धर्म, नाराज ग्रामीण नहीं भेजते पढ़ने

अमर उजाला नेटवर्क, कांकेर Published by: Digvijay Singh Updated Wed, 19 Nov 2025 01:49 PM IST
सार

कांकेर में धर्मांतरण का असर अब मासूम बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा में भी नजर आने लगा है। जिले के नरहरपुर ब्लॉक के रिसेवाड़ा पंचायत के आश्रित गांव भैंसमुंडी से एक ऐसा मामला सामने आया है,जिससे फिर धर्मांतरण की चिंगारी को हवा दे दी है।

विज्ञापन
Children education under the shadow of conversion Anganwadi worker converts to Christianity angry villagers re
आंगनबाड़ी में लटका ताला - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कांकेर में धर्मांतरण का असर अब मासूम बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा में भी नजर आने लगा है। जिले के नरहरपुर ब्लॉक के रिसेवाड़ा पंचायत के आश्रित गांव भैंसमुंडी से एक ऐसा मामला सामने आया है,जिससे फिर धर्मांतरण की चिंगारी को हवा दे दी है। भैंसमुंडी गांव में संचालित आंगनबाड़ी की सहायिका के मूल धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपनाने से नाराज ग्रामीणों ने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है। जिससे 15 दिन से आंगनबाड़ी में ताला लटक रहा है।

Trending Videos

 
दरअसल आंगनबाड़ी सहायिका केसर नरेटी ने काफी पहले ही ईसाई धर्म को अपना लिया था, हाल ही में धर्मांतरण के लगातार तूल पकड़ते मामले के बीच ग्रामीणों ने सहायिका से मूल धर्म में वापसी की मांग की, लेकिन सहायिका ने इसे ठुकरा दिया, ग्रामीणों के अनुसार गांव में 6 परिवार ने ईसाई धर्म अपनाया था जिसमें 3 मूल धर्म में वापसी कर ली, लेकिन 3 परिवार अब तक वापस नहीं आया है, जिसको लेकर गांव में बैठक रखी गई थी। 
विज्ञापन
विज्ञापन


इस दौरान आंगनबाड़ी सहायिका को भी मूल धर्म में वापसी को कहा गया लेकिन उसने साफ इंकार कर दिया, जिसके बाद ग्रामीणों ने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है, ग्रामीणों का कहना है कि जब तक मूल धर्म में वापसी नहीं करेगी बच्चों को आंगनबाड़ी नहीं भेजेंगे या अगर उसे इसी धर्म में रहना है तो आंगनबाड़ी में काम छोड़ना होगा। 

वहीं आंगनबाड़ी सहायिका का कहना है कि वो किसी भी हाल में ईसाई धर्म को नहीं छोड़ेंगी, ना ही वो नौकरी छोड़ेंगी।उन्होंने बताया कि वो रोज सुबह आंगनबाड़ी आती है, लेकिन गांव के लोग अपने बच्चों को नहीं भेज रहे है।  महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी सत्या गुप्ता का कहना है कि मामले की सूचना मिली है जिस पर पर्यवेक्षक को निर्देशित किया गया है, जो कि जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed