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कोरबा: डॉ. महिपत राय उपाध्याय का निधन, मरणोपरांत किया नेत्रदान, भारत विकास परिषद ने परिजनों का जताया आभार

अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा Published by: Digvijay Singh Updated Sat, 20 Dec 2025 05:10 PM IST
सार

कोरबा के शिवाजी नगर निवासी एवं प्रतिष्ठित व्यक्तित्व डॉ. महिपत राय नंदलाल उपाध्याय का शुक्रवार,19 दिसंबर को दुखद निधन हो गया। वे अपने पीछे एक भरा-पूरा और संपन्न परिवार छोड़ गए हैं।

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Dr Mahipat Rai Upadhyay passed away his eyes were donated posthumously in Korba
डॉ. महिपत राय उपाध्याय का निधन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कोरबा के शिवाजी नगर निवासी एवं प्रतिष्ठित व्यक्तित्व डॉ. महिपत राय नंदलाल उपाध्याय का शुक्रवार,19 दिसंबर को दुखद निधन हो गया। वे अपने पीछे एक भरा-पूरा और संपन्न परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 2:00 बजे पौड़ीबहार मुक्तिधाम में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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मृत्यु के पश्चात भी अमर रहेगी दृष्टि शोक की इस घड़ी में भी उपाध्याय परिवार ने एक अत्यंत प्रेरणादायक निर्णय लिया। डॉ. महिपत राय जी की इच्छानुसार और परिवार की सहमति से उनका मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न कराया गया। इस पुनीत कार्य से अब दो नेत्रहीनों के जीवन में उजाला आ सकेगा।
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भारत विकास परिषद और मेडिकल कॉलेज की पहल
नेत्रदान की प्रक्रिया भारत विकास परिषद और मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहयोग से पूरी की गई। आई डिपार्टमेंट की हेड डॉ. कुजूर के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने उनके निज निवास पहुँचकर सफलतापूर्वक कॉर्निया प्राप्त किया। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के कमलेश यादव, महेश गुप्ता एवं अन्य सदस्यों ने उपाध्याय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। टीम ने इस निर्णय को समाज के लिए एक "सराहनीय और प्रेरणादायक" मिसाल बताते हुए डॉ. महिपत राय जी की पत्नी श्रीमती हंसा उपाध्याय और पुत्र उमंग उपाध्याय को सम्मान पत्र भेंट किया।

डॉ. उपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में उनके पुत्र उमंग उपाध्याय, भाई बद्रीप्रसाद व विजय उपाध्याय (अहमदाबाद), भतीजे भाविन उपाध्याय, पौत्र मनन हेमंत उपाध्याय समेत समस्त उपाध्याय परिवार और परिचित शामिल हैं। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस दुखद घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया और उनके द्वारा किए गए नेत्रदान के निर्णय की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नेत्रदान का एक पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई लोग ने प्रदान कर चुके हैं और नेत्रदान को लेकर भारत विकास परिषद के अलावा जिला मेडिकल अस्पताल के द्वारा जन जागरूकता अभियान लगातार चलाए जा रहा है।

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