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CG: पीएम-उषा मद में अनियमितता पर बड़ी कार्रवाई; प्रिंसिपल और पिथौरा कॉलेज के चार सहायक प्राध्यापक निलंबित
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: ललित कुमार सिंह
Updated Tue, 30 Dec 2025 12:31 AM IST
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सार
PM-Usha scheme Fraud IN CG: छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिला के शासकीय महाविद्यालय लोहराकोट के प्राचार्य और पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापकों को सामग्री क्रय से जुड़े गंभीर आर्थिक अनियमितता के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है।
ग्रॉफिक्स: अमर उजाला डिजिटल
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
PM-Usha scheme case IN CG: छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिला के शासकीय महाविद्यालय लोहराकोट के प्राचार्य और पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापकों को सामग्री क्रय से जुड़े गंभीर आर्थिक अनियमितता के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है।
जारी आदेश के अनुसार प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी पर पीएम-उषा मद के अंतर्गत आवंटित राशि में गड़बड़ी और वित्तीय नियमों के उल्लंघन का प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। इसी तरह पिथौरा महाविद्यालय में पीएम-उषा मद से प्राप्त राशि के अंतर्गत मिड-डे के दौरान जेम पोर्टल के माध्यम से किए गए क्रय में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 एवं संशोधित 2025 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। प्रारंभिक जांच में यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के उल्लंघन के दायरे में पाया गया है।
ये हुए निलंबित
निलंबित किए गए सहायक प्राध्यापकों में डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पतु सिंह विशाल, पीठी सिंह ठाकुर एवं डॉ. एस.एस. दीवान सभी शासकीय महाविद्यालय पिथौरा के नाम शामिल हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत की गई है।
निलंबन के दौरान ये रहेगी पात्रता
निलंबन अवधि के दौरान सभी का मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा कार्यालय, रायपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। प्रकरण में विभागीय जांच की कार्यवाही पृथक से की जाएगी। यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा छत्तीसगढ़ राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है। शासन की इस कार्रवाई को शासकीय संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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जारी आदेश के अनुसार प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी पर पीएम-उषा मद के अंतर्गत आवंटित राशि में गड़बड़ी और वित्तीय नियमों के उल्लंघन का प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। इसी तरह पिथौरा महाविद्यालय में पीएम-उषा मद से प्राप्त राशि के अंतर्गत मिड-डे के दौरान जेम पोर्टल के माध्यम से किए गए क्रय में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 एवं संशोधित 2025 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। प्रारंभिक जांच में यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के उल्लंघन के दायरे में पाया गया है।
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ये हुए निलंबित
निलंबित किए गए सहायक प्राध्यापकों में डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पतु सिंह विशाल, पीठी सिंह ठाकुर एवं डॉ. एस.एस. दीवान सभी शासकीय महाविद्यालय पिथौरा के नाम शामिल हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत की गई है।
निलंबन के दौरान ये रहेगी पात्रता
निलंबन अवधि के दौरान सभी का मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा कार्यालय, रायपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। प्रकरण में विभागीय जांच की कार्यवाही पृथक से की जाएगी। यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा छत्तीसगढ़ राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है। शासन की इस कार्रवाई को शासकीय संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।