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Interview : उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव बोले- चुनाव सामूहिक नेतृत्व में...मुख्यमंत्री पर फैसला लेगा हाईकमान

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 09 Nov 2023 06:01 AM IST
सार

सिंहदेव ने कहा भूपेश भाई (मुख्यमंत्री भूपेश बघेल) हमारे कप्तान हैं। स्वाभाविक है दूसरे कार्यकाल के लिए पहला चेहरा भी वही हैं, लेकिन अंतिम फैसला विधायक दल और हाईकमान लेगा।

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TS Singhdev said - Elections will be under collective leadership...the high command will take the decision on
टीएस सिंह देव - फोटो : PTI
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विस्तार
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बाबा के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री त्रिभुनेश्वर शरण सिंहदेव ने कहा है कि दो तिहाई से अधिक सीटें जीतकर कांग्रेस लगातार दूसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। पांच साल सत्ता में रहकर कांग्रेस ने ऐतिहासिक काम किया है। आज तक अपने राजनीतिक कॅरिअर में किसी भी पार्टी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में बुनियादी स्तर पर इतना काम होते नहीं देखा। रणनीति के तहत हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। भूपेश भाई (मुख्यमंत्री भूपेश बघेल) हमारे कप्तान हैं। स्वाभाविक है दूसरे कार्यकाल के लिए पहला चेहरा भी वही हैं, लेकिन अंतिम फैसला विधायक दल और हाईकमान लेगा। टीएस सिंहदेव से नीरज तिवारी की विशेष बातचीत के प्रमुख अंश...

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सत्ता विरोधी लहर में दूसरी बार वापसी कैसे करें?
देखिए, जब आप सत्ता में रहते हैं तो आपके साथ दो पहलू जुड़े होते हैं। एक वह जिसे आप कर पाए और दूसरा जिसे आप नहीं कर पाए। इन बातों के बीच कह सकता हूं कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसी पार्टी के कार्यकाल में मैंने इतना काम होते नहीं देखा। पांच साल में बुनियादी स्तर पर किए कामों के दम पर ही सत्ता में वापसी करेंगे।
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वापसी का आधार क्या होगा, क्या बताएंगे जनता को?
40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर पहुंचे। यह रिपोर्ट केंद्रीय एजेंसी नीति आयोग की है। सरकार के कामकाज को परखने का इससे बेहतर पैमाना और क्या हो सकता है। वहीं आरबीआई के अनुसार, भाजपा के 15 साल में देश के सर्वाधिक 39.94 लाख गरीब छत्तीसगढ़ में थे। ये आंकड़ा झारखंड से भी अधिक था।

पहले भूपेश है तो भरोसा है, अब भरोसे की सरकार?
जून में केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक में ही फैसला ले लिया था कि यह चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेंगे। तय हुआ था कि मुख्यमंत्री होने के नाते नेतृत्व भूपेश बघेल करेंगे। स्वाभाविक रूप से टीम के कप्तान भूपेश भाई ही हैं। वैसे भी हम चेहरे पर नहीं, बल्कि पार्टी की नीतियों और जनहित पर चुनाव लड़ रहे हैं।

यानी सत्ता में वापसी पर भूपेश दूसरी पारी खेलेंगे?
बात ऐसी है कि आप कोई मैच या शृंखला जीतते हैं तो कप्तान को ही पहले अवसर मिलना चाहिए। पहली पंक्ति में भूपेश हैं तो उन्हें ही पहला मौका मिलना चाहिए। हालांकि,अगली शृंखला का कप्तान चुनने से पहले चयन समिति की बैठक में एक से ज्यादा विकल्पों पर विचार होता है। इसमें देखा जाता है कि पार्टी की भविष्य की योजनाओं के लिहाज से कौन फिट बैठेगा। इसके बाद अंतिम फैसला होता है। इन बातों के बाद भी अच्छा प्रदर्शन करने वाले कप्तान पर सबसे पहले विचार होता ही है।

चार धड़ों में ज्यादा सीटें जीतने वाले गुट का अगुवा सीएम बनेगा?
मैंने पहले भी कहा कि मुख्यमंत्री हाईकमान  विधायकों की सहमति से तय करता है। कई बार ­जिनके साथ दो विधायक थे, वह मुख्यमंत्री बन गए। सामूहिक नेतृत्व को ऐसे समझिए कि कम समय में सभी 90 सीटों पर नहीं पहुंचा जा सकता। इसलिए बड़े नेताओं की जिम्मेदारी तय की है। अपने क्षेत्र पर विशेष फोकस रखते हुए जिसे जहां समय मिल रहा है, वो वहां पहुंच भी रहा है।

भाजपा के घोषणापत्र पर आप क्या कहेंगे?
भाजपा ने हमारे घोषणापत्र की नकल की है। जनता का जीवनस्तर संवारने वालीं हमारी घोषणाओं को वह रेवड़ी बताते थे। आज उसी रास्ते पर हैं। मैं तो इसे अपनी पार्टी की रणनीतिक जीत मान रहा हूं कि भाजपा को हमारी नीतियों को अपनाने पर मजबूर होना पड़ा। इस चुनाव में हम दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य 75 से अधिक सीटों का है।

भ्रष्टाचार पर सीएम भाजपा के निशाने पर हैं?
प्रदेश में जो भी हो रहा है, वह भाजपा की फासिस्टवादी नीति का एक और प्रमाण है। ये पार्टी हमेशा दुष्प्रचार और कानाफूसी करती रही है। केंद्र में यूपीए की सरकार में बड़े घोटालों का लगाने वाली भाजपा की अब साढ़े नौ साल से सरकार है। मजाल है, एक भी आरोप साबित कर पाई हो। भाजपा अब यही काम छत्तीसगढ़ में कर रही है। सामने वाले की छवि खराब कर अपना राजनीतिक हक साधना उद्देश्य है।

छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग में अपनों को नौकरियां देने से बेरोजगार नाराज हैं?
सीजीपीएससी में हुई भर्तियों पर सवाल उठाने वाला व्यक्ति यह साबित ही नहीं कर पाया कि गलती कहां हुई। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि कौन किसका रिश्तेदार है, लेकिन वह कुछ भी नहीं बता पाया। भाजपा प्रदेश की जनता, खासकर युवाओं को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। हमारी सरकार ने यही कहा है कि भर्तियों में कोई कमी या भ्रष्टाचार सामने आए तो हम जांच के लिए तैयार हैं।

सरगुजा समेत कई इलाकों में धर्मांतरण को सरकार नजरंदाज कर रही?
धर्मांतरण से जुड़ा मुद्दा है ही नहीं। आरएसएस से कुछ संगठन अल्पसंख्यक समुदाय को मुर्दे दफनाने से रोक रहे हैं। संघ के लोगों का तरीका असांविधानिक था। इसकी वजह से कानून-व्यवस्था के लिए भी चुनौती खड़ी हुई थी। हमारी सरकार ने मामले में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कोई भी कानून-व्यवस्था न तोड़ने पाए। ऐसे करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के भी आदेश दिए गए थे।

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