{"_id":"6818ba3eb1d3b2c3b30a1ef7","slug":"swami-yadunanand-saraswati-linked-terrorism-with-islam-2025-05-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pahalgam Attack: 'आतंकवाद का उद्गम इस्लाम से...', पहलगाम आतंकी हमले पर बोले स्वामी यदुनंदन सरस्वती","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Pahalgam Attack: 'आतंकवाद का उद्गम इस्लाम से...', पहलगाम आतंकी हमले पर बोले स्वामी यदुनंदन सरस्वती
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: श्याम जी.
Updated Mon, 05 May 2025 06:48 PM IST
विज्ञापन
सार
स्वामी यदुनंदन सरस्वती ने आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ा। उन्होंने सरकार से कठोर कार्रवाई मांग की और हिंदू राष्ट्र को पहले से स्थापित बताया। उन्होंने शंकराचार्यों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए शास्त्रार्थ आंदोलन की वकालत की।

वृंदावन धाम के स्वामी यदुनंदन सरस्वती
- फोटो : अमर उजाला

Trending Videos
विस्तार
शंकराचार्य संस्थान के पीठाधीश्वर और वृंदावन धाम के स्वामी यदुनंदन सरस्वती ने बिलासपुर में आतंकवाद, हिंदू राष्ट्र, सनातन धर्म, और शंकराचार्यों की कार्यप्रणाली पर बयान दिए। उन्होंने आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ा। उन्होंने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की और हिंदू राष्ट्र की मांग को पहले से स्थापित बताया।
विज्ञापन
Trending Videos
'आतंकवाद का उद्गम इस्लाम'
स्वामी यदुनंदन सरस्वती ने पहलगाम घटना और आतंकवाद पर कहा, 'आतंकवाद का उद्गम इस्लाम से हुआ है और सभी आतंकवादी इस्लामी हैं।' उन्होंने सरकार से कठोर कानूनों के तहत तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अवसरवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बिहार चुनाव जैसे अवसरों पर हिंदू वोटों के लिए कार्रवाई करते हैं, जबकि तुरंत जवाब देना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन
'जब तक सृष्टि है, हिंदू और सनातन धर्म अटल रहेंगे'
सनातन धर्म और हिंदुओं को खतरे में बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक सृष्टि है, हिंदू और सनातन धर्म अटल रहेंगे। उन्होंने दुराग्रहियों को 'छोटे-मोटे कीड़े-मकोड़े' बताकर कहा कि धर्म को कोई खतरा नहीं है।
हिंदू राष्ट्र की मांग
हिंदू राष्ट्र की उठती मांग पर स्वामी ने कहा कि कैलाश शिखर से कश्मीर और कन्याकुमारी से कटक तक यह देश पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा का दावा करने को अहंकार बताया और कहा कि धर्म का प्रचार और शास्त्रों का उपदेश ही उनका कर्तव्य है।
शंकराचार्यों की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी
उन्होंने कहा कि अधिकांश शंकराचार्य विवादों में उलझे हैं या योग्यता में कमी रखते हैं। सरकार नकली शंकराचार्यों को संरक्षण देती है, जो बिना धन के कहीं नहीं जाते। सामान्य व्यक्ति उनका दर्शन नहीं कर सकता। उन्होंने शंकराचार्यों द्वारा दीक्षा देने को फैक्टरी की संज्ञा दी और कहा कि शास्त्रों का पालन करना चाहिए। संगठन बनाकर लड़ने के बजाय शास्त्रार्थ आंदोलन पर जोर दिया।