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छत्तीसगढ़: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने की स्वास्थ्य व्यवस्था की उच्च स्तरीय समीक्षा,TB मुक्त भारत पर जोर
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Tue, 30 Dec 2025 04:33 PM IST
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सार
छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राजधानी में उच्च स्तरीय बैठक ली।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने की स्वास्थ्य व्यवस्था की उच्च स्तरीय समीक्षा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राजधानी में उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था, टीबी उन्मूलन अभियान, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, कैंसर उपचार और जनस्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। नड्डा ने राज्यों को मिशन मोड में काम करने के निर्देश देते हुए कहा कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक रणबीर शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दवा विनियमन को कड़ा करने, निदान सुविधाओं के विस्तार, टेलीमेडिसिन सेवाओं को बढ़ावा देने और जनभागीदारी आधारित मॉडल को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि देशभर में शुरू किए गए स्वास्थ्य परामर्श अभियान से बेहतर औषधि प्रबंधन, निदान सेवाओं और जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों को नई दिशा मिलेगी।
बैठक में राज्य के सभी रक्तकोषों में निर्धारित सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने और उनकी नियमित निगरानी को और सख्त बनाने के निर्देश दिए गए। नि:शुल्क औषधि एवं निदान योजना का अधिकतम लाभ आमजन तक पहुँचाने, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम और खाद्य व औषधि परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने पर भी जोर दिया गया।
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की गति तेज करने पर विशेष चर्चा हुई। इसके तहत अधिक से अधिक निक्षय मित्र जोड़ने, टीबी मरीजों को पोषण सहायता उपलब्ध कराने और जोखिमग्रस्त आबादी में एक्स-रे आधारित जांच अभियान को तेज करने के निर्देश दिए गए। नड्डा ने बताया कि TB कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए 146 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में कैंसर मरीजों के लिए सभी जिलों में डे-केयर कीमोथेरेपी सेवाएं शुरू करने, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए निगरानी तंत्र सुदृढ़ करने तथा गैर-संचारी रोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में राज्य के आठ मेडिकल कॉलेजों के लिए पृथक अस्पताल स्थापित करने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी। इस प्रस्ताव का सकारात्मक रूप से संज्ञान लेते हुए नड्डा ने मानव संसाधनों के लिए केंद्र की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक के अंत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की साझेदारी ही स्वास्थ्य सुधारों की नींव है और लक्ष्य केवल सेवाओं का विस्तार नहीं, बल्कि परिणाम आधारित बदलाव लाना है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें।
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बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक रणबीर शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दवा विनियमन को कड़ा करने, निदान सुविधाओं के विस्तार, टेलीमेडिसिन सेवाओं को बढ़ावा देने और जनभागीदारी आधारित मॉडल को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि देशभर में शुरू किए गए स्वास्थ्य परामर्श अभियान से बेहतर औषधि प्रबंधन, निदान सेवाओं और जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों को नई दिशा मिलेगी।
बैठक में राज्य के सभी रक्तकोषों में निर्धारित सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने और उनकी नियमित निगरानी को और सख्त बनाने के निर्देश दिए गए। नि:शुल्क औषधि एवं निदान योजना का अधिकतम लाभ आमजन तक पहुँचाने, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम और खाद्य व औषधि परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने पर भी जोर दिया गया।
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की गति तेज करने पर विशेष चर्चा हुई। इसके तहत अधिक से अधिक निक्षय मित्र जोड़ने, टीबी मरीजों को पोषण सहायता उपलब्ध कराने और जोखिमग्रस्त आबादी में एक्स-रे आधारित जांच अभियान को तेज करने के निर्देश दिए गए। नड्डा ने बताया कि TB कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए 146 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में कैंसर मरीजों के लिए सभी जिलों में डे-केयर कीमोथेरेपी सेवाएं शुरू करने, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए निगरानी तंत्र सुदृढ़ करने तथा गैर-संचारी रोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में राज्य के आठ मेडिकल कॉलेजों के लिए पृथक अस्पताल स्थापित करने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी। इस प्रस्ताव का सकारात्मक रूप से संज्ञान लेते हुए नड्डा ने मानव संसाधनों के लिए केंद्र की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक के अंत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की साझेदारी ही स्वास्थ्य सुधारों की नींव है और लक्ष्य केवल सेवाओं का विस्तार नहीं, बल्कि परिणाम आधारित बदलाव लाना है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें।