अंतरराष्ट्रीय: दूसरे कार्यकाल का अभिशाप और ट्रंप... अमेरिकी राष्ट्रपति की विशिष्ट शैली ही उन्हें बचा सकती है
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विस्तार
तीसरे कार्यकाल की संभावना के साथ डोनाल्ड ट्रंप को एक ऐतिहासिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है, जिसने कई राष्ट्रपतियों को परेशान किया है, वह है ‘दूसरे कार्यकाल का अभिशाप।’ अब तक 21 राष्ट्रपतियों को दूसरा कार्यकाल मिला है, लेकिन वे पहले कार्यकाल जितनी सफलताओं के स्तर पर नहीं पहुंचे सके। दूसरे कार्यकाल में उनका प्रदर्शन निस्तेज और निराशाजनक से लेकर विनाशकारी और घातक तक रहा है। मतदाताओं की असंतुष्टि और हताशा, राष्ट्रपति पद की थकावट और भविष्य के लिए स्थायी दृष्टिकोण का अभाव, इसके कारण हैं। लेकिन ट्रंप इस सांचे में फिट नहीं बैठते हैं। केवल ग्रोवर क्लीवलैंड के पहले और दूसरे कार्यकाल के बीच ट्रंप की तरह एक हार का अंतराल था। इसलिए दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाले अन्य नेताओं की तुलना में ट्रंप 2.0 का आकलन करना कठिन हो गया है। ट्रंप निश्चित रूप से आशान्वित होंगे कि इतिहास क्लीवलैंड के दूसरे कार्यकाल के अभिशाप को नहीं दोहराएगा।
ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल में अब तक टैरिफ युद्ध छेड़कर वैश्विक बाजार में खलबली मचाई हुई है। उनका व्यापार युद्ध, संस्कृति युद्ध तक होता हुआ पश्चिम एशिया में गोलीबारी युद्ध तक चला गया है। हाल ही में पारित हुए बिग ब्यूटीफुल बिल को लेकर भी कई आशंकाएं हैं। दो कार्यकाल की सीमा को 1951 में संविधान संशोधन द्वारा अधिनियमित किया गया था। आशंका थी कि अधिकतम अवधि के बिना एक सत्तावादी राजा की तरह जीवन भर के लिए नियंत्रण अपने हाथ में लेने की कोशिश कर सकता है। जॉर्ज वाशिंगटन, जेम्स मेडिसन और थॉमस जेफरसन, सभी ने तीसरे कार्यकाल से इन्कार कर दिया था। जेफरसन ने लिखा था, ‘यदि कोई राष्ट्रपति तीसरे चुनाव के लिए उम्मीदवार बनने पर सहमत हो जाए, तो मुझे भरोसा है कि उसे इस महत्वाकांक्षी विचार के कारण अस्वीकार कर दिया जाएगा।’ द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दूसरे कार्यकाल वाले कुछ राष्ट्रपतियों (आइजनहावर, रीगन और ओबामा) ने मजबूत शुरुआत की, परंतु दूसरी बार वे लड़खड़ा गए। आइजनहावर ने अपने पहले कार्यकाल में अमेरिका को कोरियाई युद्ध से बाहर निकाला, पर दूसरे कार्यकाल में उन्हें घरेलू स्तर पर विरोध और नस्लीय दंगों का सामना करना पड़ा। रीगन ने पहले कार्यकाल में टैक्स व खर्च में महत्वपूर्ण कटौती की और सोवियत संघ को बिखरते हुए देखा। पर ईरान-कोंट्रा घोटाला (रीगन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने ईरान को गुप्त रूप से हथियार बेचे) और कमजोर कर सुधार ने दूसरे कार्यकाल को परिभाषित कर दिया।
ओबामा ने पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवा सुधार की शुरुआत की और डेमोक्रेटिक मतदाता आधार को एकजुट किया। हालांकि, दोबारा चुने जाने के बाद डेमोक्रेट्स ने सदन, सीनेट, सुप्रीम कोर्ट नामांकन खो दिया और स्नोडेन सुरक्षा लीक और रूढ़िवादी समूहों को लक्षित करने वाले आंतरिक राजस्व सेवा के घोटालों का सामना करना पड़ा। कुछ समर्थकों का कहना है कि ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। यह पूछने पर क्या माउंट रशमोर (साउथ डकोटा राज्य में स्थित राष्ट्रीय स्मारक, जहां विशाल चट्टान पर जॉर्ज वाशिंगटन, थॉमस जेफरसन, थियोडोर रूजवेल्ट और अब्राहम लिंकन की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं) पर एक और चेहरे के लिए जगह है, तो उन्होंने कहा-संभावना तो है।’ लेकिन ऐसे स्मारकीय सम्मान केवल तब तक अटकलें ही साबित होंगे, जब तक कि ट्रंप का क्रांतिकारी दृष्टिकोण और कार्यकारी शक्ति की पुनर्परिभाषा दूसरे कार्यकाल के अभिशाप की चुनौती पार नहीं करती।