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IND vs SA: रहाणे-पुजारा के बल्लों से रनों का सूखा जारी, आखिर कब तक दोनों का भार उठाएगी टीम इंडिया
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, जोहानिसबर्ग
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 03 Jan 2022 04:17 PM IST
सार
पिछले साल रहाणे का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। उन्होंने 13 टेस्ट की 23 पारियों में 20.82 की औसत से 479 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 43.03 का रहा और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 67 रन का था।
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चेतेश्वर पुजारा-अजिंक्य रहाणे
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में अजिंक्या रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का खराब फॉर्म जारी है। दोनों पहले दिन सस्ते में निपट गए। अफ्रीकी तेज गेंदबाज डुआने ओलिवियर ने रहाणे और पुजारा को लगातार दो गेंदों पर निपटा दिया। पुजारा तीन रन और रहाणे शून्य पर पवेलियन लौटे। टीम इंडिया ने लंच तक तीन विकेट गंवाकर 53 रन बना लिए हैं।
रहाणे का पिछला साल बेकार, उपकप्तानी भी गंवानी पड़ी
पिछले साल रहाणे का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। उन्होंने 13 टेस्ट की 23 पारियों में 20.82 की औसत से 479 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 43.03 का रहा और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 67 रन का था। सिर्फ दो मौकों पर ही वह 50 रनों का आंकड़ा पार कर सके। इसी खराब फॉर्म की वजह से रहाणे को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के बाद उपकप्तानी गंवानी पड़ी।
अब उनकी जगह भी खतरे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि श्रेयस अय्यर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में शतक लगाया था। इतने शानदार अंदाज में करियर का आगाज करने पर अब फैंस श्रेयस को टीम में लाने की बात कर रहे हैं। पर कोच द्रविड़ कानपुर टेस्ट के बाद श्रेयस को टीम से बाहर कर दिया था और लगातार दो टेस्ट से रहाणे ही खेल रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि अनुभव के नाम पर आखिर कब तक रहाणे को मौका मिलता रहेगा और वह फेल होते रहेंगे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले टेस्ट में रहाणे पहली पारी में जरूर 48 रन बनाए थे, लेकिन दूसरी पारी में 20 रन बनाकर आउट हुए। अब जोहानिसबर्ग की पहली पारी में रहाणे शून्य पर पवेलियन लौटे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से पुजारा पस्त, जगह खतरे में
पुजारा जब टीम में आए थे, तब उन्हें टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच और द वॉल कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ का रिप्लेसमेंट माना जाता था। हालांकि, कई बार फैंस ने इसका विरोध किया और कहा कि यह सही नहीं है और इतनी जल्दी किसी को किसी से तुलना नहीं की जानी चाहिए।
शायद उन लोगों का कहना सही था। पिछले एक साल में या यूं कहें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से टीम इंडिया की नई दीवार हर चुनौती के सामने ढह गई। ऑस्ट्रलिया में पिछले साल सिडनी टेस्ट में शानदार पारी खेलने के बाद से पुजारा का बल्ला नहीं चला है। स्लो बैटिंग की वजह से भी वह कई बार आलोचनाओं का शिकार हो चुके हैं।
साल 2021 में पुजारा ने 14 टेस्ट में 28.08 की औसत से 702 रन बनाए। उन्होंने छह अर्धशतक जरूर लगाए, लेकिन स्ट्राइक रेट 34.17 का रहा। ऐसे में उनकी जगह भी खतरे में दिख रही है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले टेस्ट में पुजारा ने पहली पारी में शून्य और दूसरी पारी में 16 रन बनाए थे। वहीं, इस टेस्ट में सिर्फ तीन रन बना सके।
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रहाणे का पिछला साल बेकार, उपकप्तानी भी गंवानी पड़ी
पिछले साल रहाणे का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। उन्होंने 13 टेस्ट की 23 पारियों में 20.82 की औसत से 479 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 43.03 का रहा और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 67 रन का था। सिर्फ दो मौकों पर ही वह 50 रनों का आंकड़ा पार कर सके। इसी खराब फॉर्म की वजह से रहाणे को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के बाद उपकप्तानी गंवानी पड़ी।
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अब उनकी जगह भी खतरे में है। ऐसा इसलिए क्योंकि श्रेयस अय्यर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में शतक लगाया था। इतने शानदार अंदाज में करियर का आगाज करने पर अब फैंस श्रेयस को टीम में लाने की बात कर रहे हैं। पर कोच द्रविड़ कानपुर टेस्ट के बाद श्रेयस को टीम से बाहर कर दिया था और लगातार दो टेस्ट से रहाणे ही खेल रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि अनुभव के नाम पर आखिर कब तक रहाणे को मौका मिलता रहेगा और वह फेल होते रहेंगे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले टेस्ट में रहाणे पहली पारी में जरूर 48 रन बनाए थे, लेकिन दूसरी पारी में 20 रन बनाकर आउट हुए। अब जोहानिसबर्ग की पहली पारी में रहाणे शून्य पर पवेलियन लौटे।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से पुजारा पस्त, जगह खतरे में
पुजारा जब टीम में आए थे, तब उन्हें टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच और द वॉल कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ का रिप्लेसमेंट माना जाता था। हालांकि, कई बार फैंस ने इसका विरोध किया और कहा कि यह सही नहीं है और इतनी जल्दी किसी को किसी से तुलना नहीं की जानी चाहिए।
शायद उन लोगों का कहना सही था। पिछले एक साल में या यूं कहें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से टीम इंडिया की नई दीवार हर चुनौती के सामने ढह गई। ऑस्ट्रलिया में पिछले साल सिडनी टेस्ट में शानदार पारी खेलने के बाद से पुजारा का बल्ला नहीं चला है। स्लो बैटिंग की वजह से भी वह कई बार आलोचनाओं का शिकार हो चुके हैं।
साल 2021 में पुजारा ने 14 टेस्ट में 28.08 की औसत से 702 रन बनाए। उन्होंने छह अर्धशतक जरूर लगाए, लेकिन स्ट्राइक रेट 34.17 का रहा। ऐसे में उनकी जगह भी खतरे में दिख रही है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले टेस्ट में पुजारा ने पहली पारी में शून्य और दूसरी पारी में 16 रन बनाए थे। वहीं, इस टेस्ट में सिर्फ तीन रन बना सके।