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Digvijay Deshmukh: आपको याद हैं 'काई पो छे' के अली? रह चुके MI का हिस्सा; सुशांत से मिलने का सपना रह गया अधूरा

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: स्वप्निल शशांक Updated Wed, 18 Jun 2025 12:52 PM IST
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सार

दिग्विजय अब 27 साल के हो चुके हैं और मुंबई इंडियंस के स्क्वॉड का हिस्सा भी रह चुके हैं। 14 साल की उम्र में उनकी दुनिया बदल गई जब काई पो छे के स्टार कास्ट ने उन्हें अली हाशमी का किरदार निभाने को कहा। हालांकि, उन्हें क्रिकेट में करियर बनाना था इसलिए एक्टिंग से किनारा कर लिया। अब वह दुनिया पर छाने को तैयार हैं...

Digvijay Deshmukh Kai Po Che Ali Hashmi Turns Professional Cricketer Story Mumbai Indians Lucknow Giants IPL
दिग्विजय देशमुख - फोटो : instagram @digvijay.deshmukh_12

विस्तार
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हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह देश का प्रतिनिधित्व करे। हालांकि, कुछ इसमें कामयाब होते हैं और कुछ का सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे ही देश के एक उभरते सितारे हैं दिग्विजय देशमुख। आमतौर पर क्रिकेटर्स पहले क्रिकेट में अपनी पहचान बनाते हैं और फिर फिल्मों में डेब्यू करते हैं। इसके कई उदाहरण हैं...जैसे हरभजन सिंह, अजय जडेजा, कपिल देव, लेकिन दिग्विजय ऐसे क्रिकेटर हैं, जिनका प्रोफेशनल डेब्यू तो फिल्मों से हुआ, लेकिन अब वह एक क्रिकेटर बन चुके हैं और आईपीएल में फिलहाल मुंबई इंडियंस का हिस्सा भी रह चुके हैं। 27 साल के दिग्विजय को अब तक आपने पहचाना नहीं? आइए हम आपको बता देते हैं। दिग्विजय ने 2013 में रिलीज हुई फिल्म 'काई पो छे' में 'अली हाशमी' का किरदार निभाया था। उस फिल्म में वह दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के शिष्य बने थे और सुशांत से बैटिंग के टिप्स लेते दिखे थे। अब 12 साल बाद दिग्विजय उर्फ अली एक प्रोफेशनल क्रिकेटर बन चुका है। हालांकि, सुशांत को लेकर उन्हें एक बात का अफसोस रह गया है। इन सबका खुलासा उन्होंने स्पोर्ट्स वेबसाइट क्रिकेट डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में किया। आइए जानते हैं...
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किस तरह 14 साल के दिग्विजय को मिली थी फिल्म?
दिग्विजय अब 27 साल के हो चुके हैं और मुंबई इंडियंस के स्क्वॉड का हिस्सा भी रह चुके हैं। 14 साल की उम्र में उनकी दुनिया बदल गई जब काई पो छे के स्टार कास्ट ने उन्हें अली हाशमी का किरदार निभाने को कहा। अली एक छोटा बच्चा होता है जिसके पास क्रिकेट का काफी टैलेंट होता है, लेकिन उसे एक सही ट्रेनर की जरूरत होती है। सुशांत उन्हें बल्लेबाजी के गुर सिखाते हैं। हालांकि, मूवी के अंत में दंगों में सुशांत की मौत हो जाती है। दिग्विजय ने बताया कि अंडर-14 स्कूल नेशनल्स में उनके अभिनय की तारीफ हुई थी। इसके बाद टैलेंट स्काउट ने उन्हें ढूंढा और ऑडिशन के लिए कहा। दिग्विजय ने क्रिकेट डॉट कॉम को बताया, 'मुझे अभिनय में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मेरे परिवार को भी लगा कि फिल्में मेरे लिए नहीं हैं, लेकिन मैंने अंततः भूमिका निभाई।' जब फिल्म रिलीज हुई, तो दिग्विजय को शानदार अभिनय के लिए पहचान मिली, लेकिन वह पूरी तरह से क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्पॉटलाइट से दूर रहे। दिग्विजय ने बताया, 'लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या मैं एक फिल्म में हूं, लेकिन मैंने इसे टाल दिया। मैं सिर्फ क्रिकेटर बनना चाहता था।'

 

 

 

 

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क्रिकेट में करियर बनाने में दिग्विजय को लगे छह साल
इसके बाद ऑलराउंडर दिग्विजय को क्रिकेट में करियर बनाने में छह साल लग गए। एक तेज गेंदबाज के रूप में महाराष्ट्र के लिए पेशेवर शुरुआत करने से लेकर आईपीएल 2020 में मुंबई इंडियंस का प्रतिनिधित्व करने तक, उनके बारे में लोगों की धारणा अब बदल गई है। दिग्विजय की क्रिकेट यात्रा बेहद दिलचस्प रही है। अंडर -16 तक उन्होंने बतौर विकेटकीपर खेला था। हालांकि, उन्हें अपने असली टैलेंट का पता अंडर-19 क्रिकेट में चला। उन्हें लगा कि उनमें तेज गेंदबाज बनने की पूरी क्षमता है। इसके अलावा वह क्रिकेट में लेग-स्पिन, बाएं हाथ की स्पिन और ऑफ-स्पिन सब कर चुके हैं। दिग्विजय ने इंटरव्यू में कहा, 'मैं अंडर-16 तक विकेटकीपर था। फिर मैंने लेग स्पिन, लेफ्ट आर्म स्पिन और ऑफ स्पिन गेंदबाजी की। मैंने सब कुछ किया। अंडर -19 के दिनों में मैं तेज गेंदबाजी करने लगा और मेरी गति बढ़ने लगी थी और तब मैं शोएब अख्तर के गेंदबाजी एक्शन की नकल करता था।'



सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में यॉर्कर से चर्चा में आए दिग्विजय
21 साल की उम्र तक आते-आते वह एक ऑलराउंडर में तब्दील हो गए। तब पांच बार के आईपीएल चैंपियन मुंबई इंडियंस ने उन्हें अंडर -23 टूर्नामेंट में और बाद में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (एसएमएटी) में तलाशा। सैयद मुश्ताक में दिग्विजय ने अंबाती रायडू का महत्वपूर्ण विकेट लिया था। SMAT के 2019 के सीजन में  उन्होंने अपने सात मैचों के दौरान किरण मोरे और जॉन राइट दोनों को प्रभावित किया। दिग्विजय ने न सिर्फ नौ विकेट लिए, बल्कि उनका गेंदबाजी औसत भी 28.7 का रहा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पंजाब के खिलाफ उन्होंने 34 रन देकर तीन विकेट झटके। तब उनके यॉर्कर्स की खूब चर्चा हुई थी। दिग्विजय ने कहा, 'जॉन राइट ने मुझे देखा और मुझे ट्रायल के लिए आने के लिए कहा और उसके बाद MI ने 2020 के आईपीएल के लिए मुझे चुना। ड्रेसिंग रूम में सचिन तेंदुलकर और जहीर खान को एक साथ देखना यादगार अनुभव रहा। वे चीजों को जटिल नहीं करते हैं, वे इसे बहुत सरल रखते हैं।'

'सचिन-सहवाग और जहीर के लिए देखा था 2011 विश्व कप'
दिग्विजय ने कहा, 'जब मैं बच्चा था तो मैं सचिन की बल्लेबाजी शैली की नकल करता था। मैं तीन क्रिकेटरों- सहवाग, सचिन और जहीर के लिए विश्व कप 2011 देखता था। मुझे उन्हें देखना पसंद था और जब मैं मुंबई इंडियंस के ड्रेसिंग रूम में था, तो यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा क्षण था।' आईपीएल में चुने जाने के बावजूद दिग्विजय को महाराष्ट्र की घरेलू टीम में स्थान बनाने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ईगल नासिक टाइटन्स के साथ 2024 का एमपीएल सीजन ने उनके करियर पर और दबाव डाला। दिग्विजय ने बताया, 'पिछले साल मैं चोटों को लेकर चिंतित था और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। मैं निराश था। मुझे लगा कि मैं वह नहीं कर पा रहा जो मुझे करना चाहिए था। यहां तक कि मेरे दिमाग में रिटायरमेंट तक की बात चलने लगी।' हालांकि, परिवार के अटूट समर्थन ने उन्हें जमीन से जोड़े रखा। दिग्विजय बताते हैं, 'अगर मैं सफल नहीं होता हूं, तो मुझे पता है कि वे तब भी मेरा समर्थन करेंगे। क्रिकेट एक साल में सबकुछ बदल सकता है।'
 

 

 

 

 

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'लखनऊ सुपरजाएंट्स की टीम में जहीर से सीखने को मिला'
एमपीएल 2024 के बाद का ऑफ-सीजन दिग्विजय के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। दिग्विजय ने अपनी गेंदबाजी तकनीक और फिटनेस को निखारने के लिए तीन महीने समर्पित किए। इतना ही नहीं बारिश में भी अथक परिश्रम किया। वह लखनऊ सुपर जाएंट्स (एलएसजी) की टीम से भी नेट प्रैक्टिस के लिए जुड़े और वहां उन्होंने एलएसजी के मेंटर जहीर के साथ फिर से काम किया। दिग्विजय ने कहा, 'एमपीएल 2024 के बाद मेरे लिए ऑफ-सीजन था। मैं तीन महीने के लिए कुछ नहीं करने वाला था। फिर मैंने कड़ी मेहनत करने का तय किया और बारिश में गेंदबाजी और तकनीक पर काफी काम किया। धीरे-धीरे चीजें बेहतर होने लगीं। फिर मुझे एलएसजी बुलाया गया, जहां मैंने जहीर सर के साथ फिर से काम किया। मुझे वहां खुद को व्यक्त करने का मौका मिला।'
 

 

 

 

 

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आईपीएल 2025 के लिए मेगा ऑक्शन में नहीं मिला खरीदार
उन्होंने कहा, 'ऑफ सीजन में मेरी प्राथमिकता फिट रहना था। मैं तेज गेंदबाजी करना चाहता था। मैंने हर एक्शन, मूव और रन-अप पर बहुत समय बिताया। जैसे-जैसे मैंने अधिक मैच खेले, मेरा आत्मविश्वास बढ़ता गया। मैं अब खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकता हूं। इससे पहले, मुझे डर था कि घुटने या टखने में कुछ हो सकता है। मैं उस डर के साथ खेलता था।' नए जोश के साथ दिग्विजय अब ईगल नासिक टाइटन्स को एमपीएल 2025 खिताब दिलाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वह 2024 में हुई गलती को ठीक करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने कहा, 'टीम की एकजुटता हमारी ताकत है। मैदान के बाहर अच्छा माहौल उस पर प्रदर्शन करने में तब्दील हो जाता है।' दिग्विजय को पिछले साल हुए मेगा ऑक्शन में हालांकि, कोई खरीदार नहीं मिला था। उनका बेस प्राइस 30 लाख रुपये था। हालांकि, अब एमपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर वह 10 फ्रेंचाइजी के टैलेंट स्काउट की नजरों में आ सकते हैं।
 

 

 

 

 

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दिग्विजय के जीवन का सबसे बड़ा अफसोस सुशांत को लेकर
काई पो छे को आए हुए 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन दिग्विजय के जीवन में एक पछतावा है। फिल्म रिलीज के ठीक बाद दिग्विजय ने खुद से वादा किया था कि वह अपने सह-कलाकार और सुशांत सिंह राजपूत जैसे बड़े भाई से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक कि वह एक शीर्ष स्तर के क्रिकेटर नहीं बन जाते। 2020 में जब उन्हें मुंबई इंडियंस द्वारा चुना गया, तो दिग्विजय ने अभिनेता से मिलने का मन बना लिया था। हालांकि, कोविड के कारण दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों ने उन्हें इससे वंचित कर दिया। इसके बाद सुशांत के असामयिक निधन का मतलब था कि वह अपना वादा कभी पूरा नहीं कर सके।
 

 

 

 

 

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27 साल की उम्र में दुनिया पर छाने के लिए तैयार हैं दिग्विजय
दिग्विजय ने क्रिकेट डॉट कॉम से कहा, 'मुझे अभी भी उनसे नहीं मिलने का अफसोस है। तब से मैंने फैसला किया है कि मैं ऐसे वादे कभी नहीं करूंगा। मैं जीवन को वैसा ही होने दूंगा जैसा वह होता है।' 27 साल की उम्र में दिग्विजय खुद को एक बार फिर साबित करने के लिए तैयार हैं। ईगल नासिक टाइटन्स के साथ एक मजबूत 2025 एमपीएल सीजन उन्हें महाराष्ट्र के क्रिकेट रडार और उससे कहीं आगे ले जा सकता है। कहीं न कहीं सुशांत मुस्कुरा रहे होंगे, क्योंकि जिस 'अली' (दिग्विजय) को उन्होंने फिल्म में एक बड़ा क्रिकेटर बनाने का सपना देखा था, वह अब खुद की पहचान बना चुका है। 
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