Champion Team India: 'सपने देखना कभी मत छोड़ो, किस्मत कब कहां ले जाए कोई नहीं जानता..', बोलीं कप्तान हरमनप्रीत
वीडियो में हरमनप्रीत कहती हैं, 'हम जा रहे हैं जिंदगी के कुछ ऐसे पलों को कैप्चर करने, जिसका बचपन से सपना देखा था। जीतने के बाद...ट्रॉफी के साथ...मैं इसका कई वर्षों से सपना देख रही थी। और अब वह दिन आ चुका है। और मैं इसके लिए काफी उत्साहित हूं।'
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वीडियो में हरमनप्रीत कहती हैं, 'आज हम कहां जा रहे हैं! हम जा रहे हैं जिंदगी के कुछ ऐसे पलों को कैप्चर करने, जिसका बचपन से सपना देखा था। जीतने के बाद...ट्रॉफी के साथ...मैं इसका कई वर्षों से सपना देख रही थी। और अब वह दिन आ चुका है। और मैं इसके लिए काफी उत्साहित हूं।'
Feeling of being a world champion 🏆
— BCCI Women (@BCCIWomen) November 4, 2025
Support of an entire nation 🇮🇳
Power of self-belief 🙌@ImHarmanpreet is 𝙡𝙞𝙫𝙞𝙣𝙜 𝙩𝙝𝙚 𝙙𝙧𝙚𝙖𝙢 ✨
🎥 In Conversation with #TeamIndia's World Cup-winning captain 👌 - By @mihirlee_58 #WomenInBlue | #CWC25 | #Champions pic.twitter.com/ojubOBgLGk
वीडियो में आगे हरमनप्रीत कहती हैं, 'मेरे लिए यह काफी भावुक कर देने वाला पल है, क्योंकि जैसे पहले भी मैंने बोला कि यह बचपन से मेरा सपना था। जब से टीवी देखना शुरू किया और क्रिकेट खेलना शुरू किया, तब से मेरा सपना था कि विश्व कप जीतना है और अगर मैं कप्तान होऊंगी तो मैं उसे मिस नहीं करूंगी। लगता है मैंने ये चीजें दिल से बोली थीं और भगवान ने एक एक करके सब सुन लिया। यह कोई जादू जैसा है। समझ नहीं आ रहा है कि कैसे सबकुछ फेज वाइज हो रहा है। हर एक चीज एक एक करके अपने आप होती रही और आज हम चैंपियन बन चुके हैं।'
'जिस चीज का सपना देखा, अब वह पूरा हो चुका'
हरमनप्रीत ने कहा, 'विश्व कप जीतकर हम तीन-चार घंटे सो पाए, लेकिन फिर भी काफी फ्रेश महसूस कर रही हूं। ऐसा कभी-कभी ही होता है। नहीं तो आठ घंटे की नींद तो चाहिए ही चाहिए। यह इस बात पर निर्भर करता है कि जब आप चैंपियन बन जाते हो, जीत जाते हो तो क्या महसूस करते हो। मैं यह सब अब महसूस कर पा रही हूं। अब बहुत रिलैक्स है और ऊपर वाले की आभारी हूं कि जिस चीज का सपना हम इतने वर्षों से देख रहे थे, अब वह पूरा हो चुका है।'
हरमनप्रीत ने बताया, '2017 में जब हम फाइनल में हार गए थे तो काफी निराश थे कि इतने करीब आकर हम कैसे हार गए। समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसा हो गया, क्योंकि हम उस गेम के कंट्रोल में थे। लेकिन जब हम हारकर होटल पहुंचे तो जिस तरह का स्वागत हमारा हुआ तो उसे सोचकर लगा कि सिर्फ हम नहीं, बल्कि पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि कब हम विश्व कप जीतेंगे। सब इसी पल का इंतजार कर रहे थे। इस जीत में सभी फैंस का आशीर्वाद है। हम अकेले नहीं जीते, बल्कि सभी फैंस ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है। यह हमसे अकेले संभव नहीं था।'
हरमनप्रीत ने कहा, 'जब छोटे बच्चे यह सोचना शुरू करते हैं कि उन्हें क्या पसंद और क्या नापसंद है, तब से मैंने अपने हाथ में सिर्फ बल्ला ही देखा है। मुझे अभी भी याद है कि पापा के किट में से बैट लेकर हम खेलते थे। एक दिन पापा ने अपना पुराना बैट हमें दे दिया और हम उससे खेलते थे। जब हम टीवी पर टीम इंडिया को खेलते हुए देखते थे, तो सोचते थे कि हमें भी यही मौका चाहिए। तब मैं महिला क्रिकेट के बारे में ज्यादा नहीं जानती थी, लेकिन इस बात का सपना देखती थी कि कब मैं ये ब्लू जर्सी पहनूंगी।'
हरमनप्रीत ने कहा, 'यही बात महत्वपूर्ण है कि कई लड़कियां महिला क्रिकेट के बारे में ज्यादा नहीं जानतीं, लेकिन देश में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए सपना देखना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। आपको पता नहीं है कि आपकी डेस्टिनी आपको कहां लेकर चली जाएगी और यह मत सोचें कि कब होगा कैसे होगा। सिर्फ ये सोचो कि ये होगा। मेरे अंदर यही आत्मविश्वास था कि ये होगा और अब वह हो चुका है।'
इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही हरमनप्रीत कौर अब भारत की चौथी कप्तान बन गई हैं जिन्होंने विश्व कप जीत का ताज पहना है। उनसे पहले कपिल देव, एमएस धोनी और रोहित शर्मा भारत को विश्व चैंपियन बना चुके हैं। यानी अब महिलाओं की कप्तान हरमनप्रीत ने भी इस गौरवशाली सूची में अपनी जगह बना ली है। यह भारत की महिलाओं का पहला वर्ल्ड कप खिताब है, जिसने 2005 और 2017 के फाइनल हार की टीस को भुलाने में मदद की।