{"_id":"6931a0c51920598cfa063cb5","slug":"ind-vs-sa-arshdeep-singh-s-childhood-coach-reveals-major-improvements-in-his-bowling-technique-and-mindset-2025-12-04","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"IND vs SA: अर्शदीप सिंह को लेकर उनके बचपन के कोच ने दिया बड़ा बयान, बताया उनमें क्या-क्या बदलाव आए","category":{"title":"Cricket News","title_hn":"क्रिकेट न्यूज़","slug":"cricket-news"}}
IND vs SA: अर्शदीप सिंह को लेकर उनके बचपन के कोच ने दिया बड़ा बयान, बताया उनमें क्या-क्या बदलाव आए
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 04 Dec 2025 08:26 PM IST
सार
अगर सिर्फ आंकड़ों पर नजर डालें, पहले मैच में 64 रन देकर दो विकेट और दूसरे में 54 रन पर दो विकेट, तो ये प्रदर्शन साधारण लग सकता है। लेकिन जब इन्हें दक्षिण अफ्रीका के 332 और 362 रन के बड़े स्कोर के संदर्भ में देखा जाए तो तस्वीर पूरी तरह बदल जाती है।
विज्ञापन
अर्शदीप सिंह
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
अर्शदीप सिंह कह चुके हैं कि उनका पसंदीदा शौक वसीम अकरम और जहीर खान के यूट्यूब वीडियो देखना है ताकि यॉर्कर और रिवर्स स्विंग की बारीकियां सीख सकें। अर्शदीप ने इन वीडियो से मिली सीख का इस्तेमाल टी20 अंतरराष्ट्रीय में खूब किया है इसलिए ऐसा यू हीं नहीं हुआ है कि वह इस प्रारूप में 100 से अधिक विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने, लेकिन हाल में रांची और रायपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनके स्पेल ने यह दिखाया कि इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को 50 ओवर के प्रारूप में लगातार मौके दिए जाने चाहिए क्योंकि अभी तक उन्हें इतने ज्यादा मौके नहीं मिले हैं।
अगर प्रत्येक मैच में उनके आंकड़े देखें (64 रन देकर दो विकेट और 54 रन देकर दो विकेट) तो यह सामान्य लगते हैं, लेकिन इन्हें दक्षिण अफ्रीका के 332 और 362 रन के विशाल स्कोर के साथ देखें तो तस्वीर बदल जाती है। दोनों ही मैचों में अर्शदीप को रात में ओस भरी ठंड में गेंदबाजी करनी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया और दोनों मैचों में उनकी इकोनॉमी रेट (रांची में 6.4 और रायपुर में 5.4) सभी तेज गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ रहा।
रायपुर में हर्षित राणा ने प्रति ओवर सात रन दिए और प्रसिद्ध कृष्णा ने 10.20 की दर से रन दिए। हालांकि यह कहा जा सकता है कि अर्शदीप ने ज्यादातर गेंदबाजी तब की जब गेंद अपेक्षाकृत सूखी थी। पहले पावरप्ले में और फिर 44वें ओवर के बाद गेंद बदलने पर, लेकिन फिर भी क्विंटन डिकॉक और मार्को यानसेन जैसे बल्लेबाजों को अच्छी पिच पर रोकना या आउट करना आसान नहीं होता। इसके लिए गेंदबाज को हालात की समझ, सही लेंथ और मैदान के मुताबिक गेंदबाजी की कला आनी चाहिए।
उनके बचपन के कोच जसवंत राय कहते हैं, 'इस चीज में पिछले समय में उसके अंदर काफी सुधार हुआ है। वह परिस्थितियों को समझते हैं, लेंथ के अनुसार सांमजस्य बिठाते हैं। अब गेंदबाजी में विविधता लाने का महत्व समझते हैं ताकि उनकी गेंदों का अनुमान नहीं लग सके।' उन्होंने कहा, 'सफेद गेंद के क्रिकेट में यह बहुत जरूरी है क्योंकि बल्लेबाज हमेशा रन बटोरना चाहते हैं। वह अब एक परिपक्व और मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज बन गया है।'
राय की बात पहले वनडे में उनके तीसरे स्पैल को देखकर सही साबित होती है जिसमें भारत ने 17 रन से जीत दर्ज की थी। 26 वर्षीय अर्शदीप आखिरी पावरप्ले में लौटे और तीन ओवर में सिर्फ 16 रन दिए। साथ ही नांद्रे बर्गर को आउट कर मैच को निर्णायक मोड़ दिया। बल्कि 47वां ओवर मेडन रहा जिसमें उन्होंने बर्गर को आउट किया था।
Trending Videos
अगर प्रत्येक मैच में उनके आंकड़े देखें (64 रन देकर दो विकेट और 54 रन देकर दो विकेट) तो यह सामान्य लगते हैं, लेकिन इन्हें दक्षिण अफ्रीका के 332 और 362 रन के विशाल स्कोर के साथ देखें तो तस्वीर बदल जाती है। दोनों ही मैचों में अर्शदीप को रात में ओस भरी ठंड में गेंदबाजी करनी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया और दोनों मैचों में उनकी इकोनॉमी रेट (रांची में 6.4 और रायपुर में 5.4) सभी तेज गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ रहा।
विज्ञापन
विज्ञापन
रायपुर में हर्षित राणा ने प्रति ओवर सात रन दिए और प्रसिद्ध कृष्णा ने 10.20 की दर से रन दिए। हालांकि यह कहा जा सकता है कि अर्शदीप ने ज्यादातर गेंदबाजी तब की जब गेंद अपेक्षाकृत सूखी थी। पहले पावरप्ले में और फिर 44वें ओवर के बाद गेंद बदलने पर, लेकिन फिर भी क्विंटन डिकॉक और मार्को यानसेन जैसे बल्लेबाजों को अच्छी पिच पर रोकना या आउट करना आसान नहीं होता। इसके लिए गेंदबाज को हालात की समझ, सही लेंथ और मैदान के मुताबिक गेंदबाजी की कला आनी चाहिए।
उनके बचपन के कोच जसवंत राय कहते हैं, 'इस चीज में पिछले समय में उसके अंदर काफी सुधार हुआ है। वह परिस्थितियों को समझते हैं, लेंथ के अनुसार सांमजस्य बिठाते हैं। अब गेंदबाजी में विविधता लाने का महत्व समझते हैं ताकि उनकी गेंदों का अनुमान नहीं लग सके।' उन्होंने कहा, 'सफेद गेंद के क्रिकेट में यह बहुत जरूरी है क्योंकि बल्लेबाज हमेशा रन बटोरना चाहते हैं। वह अब एक परिपक्व और मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज बन गया है।'
राय की बात पहले वनडे में उनके तीसरे स्पैल को देखकर सही साबित होती है जिसमें भारत ने 17 रन से जीत दर्ज की थी। 26 वर्षीय अर्शदीप आखिरी पावरप्ले में लौटे और तीन ओवर में सिर्फ 16 रन दिए। साथ ही नांद्रे बर्गर को आउट कर मैच को निर्णायक मोड़ दिया। बल्कि 47वां ओवर मेडन रहा जिसमें उन्होंने बर्गर को आउट किया था।