चैत्र नवरात्र में लगातार नौ दिन तक उपवास रखने से धर्मलाभ तो होता ही है। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। चिकित्सकों व खानपान विशेषज्ञों का कहना है कि यदि उपवास के दौरान संतुलित खानपान न लिया जाय तो यह सेहत के लिए भारी साबित हो सकता है। वरिष्ठ खानपान विशेषज्ञ डॉ. ऋचा कुकरेती के मुताबिक वैसे तो वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आई है कि उपवास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस दौरान शरीर से खतरनाक टॉक्सिन बाहर निकलते हैं, लेकिन यदि खानपान में लापरवाही बरती गई तो सेहत पर इसका विपरीत असर पड़ता है। ऐसे में खानपान में कार्बोहाइड्रेटयुक्त चीजों से परहेज कर संतुलित भोजन लेना चाहिए।
चैत्र नवरात्र 2019: व्रत से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता, लेकिन इन बातों का रखना होगा खास ध्यान
खानपान में कुट्टू के आटे की खिचड़ी, दूध से बनी चीजें मसलन दही, मट्ठे का प्रयोग करने के साथ ही फलों जैसे सेब, अनार, केला आदि का सेवन किया जा सकता है। उपवास के दौरान सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है। इसमें पोटेशियम बहुतायत से पाया जाता है, लेकिन ध्यान रखें कि इसका अत्यधिक प्रयोग न करें। इसके अत्यधिक प्रयोग से हृदयरोगों की संभावना बढ़ जाती है। उपवास के दौरान सिर्फ तले हुए आलू के भरोसे रहने से शरीर में कार्बोहाइड्रेट का स्तर बढ़ जाता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं है।
लंबे समय तक खाली पेट न रहें
दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत के मुताबिक उपवास के दौरान लंबे समय तक खाली पेट रहने से कई लोगों को एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है। यदि यही प्रक्रिया लगातार जारी रहे तो अल्सर की समस्या हो सकती है। उपवास के दौरान शारीरिक तंत्र में भारी बदलाव होता है। ऐसे में खानपान में सावधानी रखने की खास जरूरत है।
बीमार और गर्भवती न करें उपवास
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत के मुताबिक यदि किसी को माइग्रेन, उच्च रक्तचाप या डायबिटीज की समस्या है तो वह व्रत न करे। गर्भवती महिलाओं को भी व्रत से परहेज करना चाहिए। ऐसी महिलाओं के व्रत रहने से गर्भस्थ शिशु पर असर पड़ सकता है। पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों या कमजोर महिलाओं, अधेड़ के लिए नौ दिन का उपवास उचित नहीं है।
उपवास के दौरान खानपान
- खाली पेट कतई न रहें, समय-समय पर कुछ खाते रहें
- फलाहार ज्यादा करें, तली-भुनी हुई चीजों से परहेज करें
- दूध से बनी चीजों मसलन दही, मट्ठे का प्रयोग करें
- समय-समय पर जूस के साथ फलों का सेवन करें
- फलों में सेब, अनार, अनानास आदि का सेवन करें
- संभव हो तो थोड़े ड्राई फ्रूट लें
- कुट्टू के आटे की बनी खिचड़ी खाएं
- टमाटर, लौकी आदि की मिश्रित सब्जी बनाकर खाएं
- सेंधा नमक का प्रयोग करें, लेकिन मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए