Uttarakhand: पहली बार खारे पानी में होगा डाल्फिन का आकलन, हिम तेंदुए के साथ वास स्थल का ब्यौरा जुटाया जाएगा
पहली बार खारे पानी में डाल्फिन का आकलन किया जाएगा। हिम तेंदुए के साथ उसके वास स्थल का ब्यौरा जुटाया जाएगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान यह कार्य करेगा।

विस्तार
भारतीय वन्यजीव संस्थान पहली बार खारे पानी में डाॅल्फिन का आकलन करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही हिम तेंदुए के वास स्थल की जानकारी भी जुटाएगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने वर्ष 2021 से 2023 तक डाॅल्फिन के आकलन करने का काम किया था। यह देश की 28 नदियों में किया गया। इसके आकलन की रिपोर्ट मार्च-2025 में जारी की गई। इसमें देश में कुल 6,327 नदियों में डाॅल्फिन होने की जानकारी मिली थी।

अब दूसरी बार डाॅल्फिन के आकलन की तैयारी है। वैज्ञानिक विष्णुप्रिया ने बताया कि इस बार आकलन का दायरा बढ़ाया गया है। डाॅल्फिन का आकलन खारेपानी में भी किया जाएगा। इस तरह प्रयास पहली बार किया जाएगा। इससे खारेपानी में मिलने वाली डाॅल्फिन की प्रजाति, उनकी संख्या, उनके साथ मिलने वाली अन्य प्रजातियों का पता चलेगा। इसके साथ जहां पर वे मिलती हैं, वहां की स्थिति का भी पता चलेगा। इससे डाॅल्फिन के संरक्षण के लिए और बेहतर प्रयास हो सकेंगे। इसके तहत सुंदरवन क्षेत्र में आकलन का काम शुरू किया जाएगा।
हिम तेंदुए के वास स्थल की जानकारी भी जुटाएंगे वैज्ञानिक
हिम तेंदुए के आकलन की भी तैयारी शुरू हो गई है। पिछली बार के आकलन में 718 हिम तेंदुओं की उपस्थिति का पता चला था। इसमें सबसे अधिक हिम तेंदुए लद्दाख में 477 और दूसरे नंबर में उत्तराखंड में 124 मिले थे। हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी हिम तेंदुएं का आकलन किया गया था।
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भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक गोबिंद भारद्वाज कहते हैं कि इस बार तेंदुए मिलते हैं, उनके पूरे क्षेत्र में आकलन होगा। इसके साथ ही हिम तेंदुओं के वास स्थल की भी पूरी डिटेल भी दर्ज की जाएगी। जो योजना है, उसमें क्रमश: प्रशिक्षण और आक्यूपेंशी सर्वे, कैमरा ट्रैप लगाना, कैमरा ट्रैप के डेटा का विश्लेषण और वर्ष-2028 में काम को पूरा करना है।
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