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चार श्रम संहिताएं श्रम तंत्र को बनाएंगे पारदर्शी, सरल और उत्तरदायी : शुभ्रा गोयल
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-उप मुख्य श्रम आयुक्त ने कहा, मजूदरों को अनेक कानून व प्रक्रियाओं के बोझ से भी मिलेगी मुक्ति
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। उप मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार शुभ्रा गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार की चार श्रम संहिताओं से श्रम तंत्र पारदर्शी, सरल और उत्तरदायी बनेगा। साथ ही विभिन्न कानून व प्रक्रियाओं के तले दबे मजदूरों को भी इस बोझ से मुक्ति मिलेगी।
शुभ्रा ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों का पुर्नसंयोजन नहीं बल्कि श्रमिकों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों की पुन: स्थापना की है। हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा देने वाली सामाजिक सुरक्षा संहिता, श्रमिक को केंद्र में रखकर बनाई गई है। वेतन संहिता से हर श्रमिक को सम्माजनक जीवन का अधिकार मिलेगा। न्यूनतम वेतन की समान प्रणाली सुनिश्चित करती है कि श्रमिकों का शोषण न हो। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता यह सुनिश्चित करती है कि हर श्रमिक को एक सुरक्षित, स्वच्छ, मानवीय, सम्मानजनक कार्यस्थल मिले। महिला श्रमिकों के रात्रिकालीन कार्य की अनुमति सुरक्षा उपायों जैसे दरवाजे से दरवाजे तक सुरक्षित परिवहन सुविधा, कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी आदि का प्रावधान होगा। नई संहिताओं में जटिल प्रक्रियाओं को सरल और डिजिटल किया गया है। इससे श्रमिकों को शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज प्राप्त करने, योजनाओं का लाभ लेने में कम समय लगेगा।
उप मुख्य श्रम आयुक्त शुभ्रा गोयल ने बताया कि देश के आर्थिक आधार को औपचारिक मान्यता भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा श्रमिकों की मेहनत पर टिका है, जिनमें से अधिकांश असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। नई संहिताओं से उनकी पहचान सुनिश्चित करने, सरकारी योजनाओं से जोड़ने का काम आसान होगा।
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अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। उप मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार शुभ्रा गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार की चार श्रम संहिताओं से श्रम तंत्र पारदर्शी, सरल और उत्तरदायी बनेगा। साथ ही विभिन्न कानून व प्रक्रियाओं के तले दबे मजदूरों को भी इस बोझ से मुक्ति मिलेगी।
शुभ्रा ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों का पुर्नसंयोजन नहीं बल्कि श्रमिकों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों की पुन: स्थापना की है। हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा देने वाली सामाजिक सुरक्षा संहिता, श्रमिक को केंद्र में रखकर बनाई गई है। वेतन संहिता से हर श्रमिक को सम्माजनक जीवन का अधिकार मिलेगा। न्यूनतम वेतन की समान प्रणाली सुनिश्चित करती है कि श्रमिकों का शोषण न हो। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता यह सुनिश्चित करती है कि हर श्रमिक को एक सुरक्षित, स्वच्छ, मानवीय, सम्मानजनक कार्यस्थल मिले। महिला श्रमिकों के रात्रिकालीन कार्य की अनुमति सुरक्षा उपायों जैसे दरवाजे से दरवाजे तक सुरक्षित परिवहन सुविधा, कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी आदि का प्रावधान होगा। नई संहिताओं में जटिल प्रक्रियाओं को सरल और डिजिटल किया गया है। इससे श्रमिकों को शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज प्राप्त करने, योजनाओं का लाभ लेने में कम समय लगेगा।
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उप मुख्य श्रम आयुक्त शुभ्रा गोयल ने बताया कि देश के आर्थिक आधार को औपचारिक मान्यता भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा श्रमिकों की मेहनत पर टिका है, जिनमें से अधिकांश असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। नई संहिताओं से उनकी पहचान सुनिश्चित करने, सरकारी योजनाओं से जोड़ने का काम आसान होगा।