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Uttarakhand News: मंगलौर में कई जगह चल रहे अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन, बड़े हादसे का बन सकते हैं सबब

अरविंद गोयल, संवाद न्यूज एजेंसी, मंगलौर (रुड़की) Published by: रेनू सकलानी Updated Tue, 16 Dec 2025 02:31 PM IST
सार

घर में अवैध रूप से बनाए गए ई- रिक्शा चार्जिंग स्टेशन में आग लगने से अफरातफरी मच गई। सूचना मिलने पर अग्निशमन दल की टीम ने आग पर काबू पाया। आग लगने से दो ई- रिक्शा जल गए। घटना का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। घटना के समय छह ई-रिक्शा चार्ज किए जा रहे थे।

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Illegal e-rickshaw charging stations are operating in several locations in Mangalore Roorkee Uttarakhand News
शार्ट सर्किट से ई-रिक्शा में लगी आग। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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मंगलौर शहर में घरेलू कनेक्शन से ई-रिक्शा चार्जिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। शहर में 300 से अधिक ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें 40 फीसदी ई-रिक्शा चालक उसे अपने घर पर चार्ज कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार 60 फीसदी ई-रिक्शा अवैध चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज होते हैं। इनमें घरेलू बिजली कनेक्शन का प्रयाेग होता है।

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शहर में पठानपुरा, टोली, बाहर किला, मलकपुरा और किला, सैनीपुरा, मलानपुरा, लालबाड़ा, बंदरटोल आदि इलाकों में बस्तियों के अलावा लंढौरा, नारसन आदि इलाकों में अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन बने हुए हैं। यहां पर 12 घंटे की चार्जिंग के लिए 50 से 80 रुपये लिए जाते हैं। मोहल्ला किला में रहने वाले अरशद पांच साल से ई-रिक्शा चला रहे हैं। वह बताते हैं कि ई-रिक्शा में 12-12 वोल्ट की चार बैटरी होती हैं। जो 12 घंटे में चार्ज होती है। नई बैटरी पूरी तरह चार्ज होने के बाद 120 से 130 किलोमीटर तक चलती है। पुरानी होने पर वह 50 से 70 किलोमीटर तक चलती है।

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मलकपुरा के अजीम करीब दो साल से ई-रिक्शा चला रहे हैं। वह बताते हैं एक ई-रिक्शा की चार्जिंग में पांच से सात यूनिट बिजली खर्च होती है। लोग सुबह से शाम तक ई-रिक्शा चलाने के बाद उसे रात में घर पर चार्जिंग में लगा देते हैं। इसी तरह कई अन्य ई- रिक्शा चालकों ने बताया कि वह मोहल्ले में ही दूसरों की बैठकों, दुकानों व आटा चक्की पर खड़ी कर चार्जिंग करते हैं जिसकी एवज में उन्हें 50 से 80 रुपये रोजाना चुकाने पड़ते हैं।


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घरेलू कनेक्शन से ई-रिक्शा चार्जिंग करना है अपराध

शहर से लेकर गांवों तक ई-रिक्शा की बाढ़ आ गई है लेकिन उनके लिए कहीं चार्जिंग स्टेशन नहीं है। जिससे ई-रिक्शा चार्ज करने के लिए लोग घरेलू बिजली का उपयोग करते हैं। जबकि पावर कारपोरेशन की नियमावली में ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। विद्युत विभाग के एसडीओ अनुभव सैनी का कहना है कि यदि कहीं ऐसा हो रहा है तो ई रिक्शा चार्जिंग करने वाले लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


 

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