India China Border: उत्तराखंड में दारमा घाटी के इन दो गांव में भी बजी फोन की घंटी, खुशी से झूम उठे ग्रामीण
गांव में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिलने से ग्रामीणों को ही नहीं बल्कि प्रसिद्ध पंचाचूली शिखर के दर्शन करने आने वाले सैकड़ों यात्रियों को भी संचार सुविधा मिल सकेगी।
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उत्तराखंड में चीन सीमा से सटी दारमा घाटी के दो गांव बोन और बॉलिंग में भी मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिल गई है। पिछले हफ्ते जिओ ने अपना मोबाइल टावर यहां लगाने का काम पूरा किया है। जिसके बाद ग्रामीणों को संचार सुविधा मिलने लगी है। फोन में नेटवर्क आए तो ग्रामीण खुशी से झूम उठे। इसके बाद लोगों ने निचली घाटी में रह रहे अपने परिजनों से फोन में बात की। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार का आभार जताया।
ग्राम बोन में मोबाइल टावर लगने से ग्राम पंचायत दुग्तू सौन और ग्राम पंचायत दांतू की लगभग दो हजार की आबादी के साथ-साथ प्रसिद्ध पंचाचूली शिखर के दर्शन करने आने वाले सैकड़ों यात्रियों को भी संचार सुविधा मिल सकेगी।
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ग्राम प्रधान सपना बोनाल ने बताया की जिओ का मोबाइल टावर लगने से उनके गांव की लगभग एक हजार की आबादी को लाभ मिलेगा। वहीं ग्राम पंचायत बालिंग के ग्राम प्रधान भगवती बंग्याल ने बताया की उनके गांव की लगभग 700 की आबादी को मोबाइल नेटवर्क का लाभ मिलेगा।
जिओ के इंजीनियर यशपाल पंवार ने बताया की दारमा घाटी में छह महीने पूर्व ग्राम पंचायत तिदांग संचार से जुड़ गया है और पिछले हफ्ते ग्राम पंचायत बोन और ग्राम पंचायत बालिंग संचार माध्यम से जुड़ गया है। उन्होंने बताया की दारमा घाटी का अंतिम ग्राम सीपू, ग्राम गो और ग्राम नागलिंग में अभी फाउंडेशन का कार्य चल रहा है। ये ग्राम भी दो तीन महीने के अंदर मोबाइल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।
ग्राम प्रधान दांतू जमन सिंह दताल ने बताया की दारमा घाटी में सड़क और मोबाइल नेटवर्क की सुविधा से लगभग सभी गांव जुड़ गए हैं।