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Karwa Chauth: देखो चांद आया....सुहागिनों ने अर्घ्य देकर किया व्रत पूरा, पति की लंबी आयु के लिए की प्रार्थना

संवाद न्यूज एजेंसी, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Fri, 10 Oct 2025 09:28 PM IST
सार

आज पूरे देश में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। चांद के दीदार के साथ ही सुहागिनों ने अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया।

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करवाचौथ: चांद के दीदार के बाद व्रत खोलती महिलाएं। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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देशभर में चांद निकलने के साथ ही महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत पूरा किया। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखते हुए चांद को अर्घ्य देकर व्रत को पूरा किया। इसके साथ ही पति की लंबी आयु की कामना करते हुए प्रार्थना की। दून में रात 07:42 बजे चांद दिखाई दिया।

करवा चौथ का पावन व्रत देशभर में चंद्रमा के दर्शन के साथ ही श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हो गया। पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा गया यह निर्जला उपवास, जैसे ही रात को चंद्रमा निकला, पूरे भक्तिभाव के साथ पूर्ण किया गया।

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सुबह सूर्योदय से शुरू हुए इस कठिन व्रत के दौरान लाखों सुहागिनों ने बिना पानी पीए दिनभर उपवास रखा। शाम होते-होते सभी की नजरें आसमान पर टिकी थीं, और जैसे ही चांद ने दर्शन दिए, हर घर और मंदिर में उत्सव जैसा माहौल बन गया।

नवविवाहित महिलाओं का पहला करवा चौथ 

नवविवाहित जोड़ों के लिए पहला करवा चौथ बहुत खास होता है। महिलाओं को भी इसकी उत्सुकता होती है। महिलाएं सुबह से ही तैयारियों में लगी हैं। सुबह सरगी खाने की रस्म की गई जो सास अपनी बहू को देती है इसके बाद महिलाएं बिना खाए पिए व्रत रहीं। इसके बाद शाम को पूजा की। महिलाएं हाथों में मेहंदी, माथे पर बेंदी, लाल जोड़े में तैयार हुईं। इसके बाद कथा सुनी, गीत गाए और चांद का इंतजार किया।

प्रथम महिला ने मनाया करवाचौथ महिला अधिकारी भी हुईं शामिल

राजभवन में शुक्रवार को प्रथम महिला गुरमीत कौर ने करवाचौथ का पारंपरिक एवं भव्य आयोजन किया। इसमें उत्तराखंड की आईएएस, आईपीएस और आईएफएस एसोसिएशन की महिलाओं ने भी शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत में पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई, जिसमें सभी महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर सहभागिता की।

गुरमीत कौर ने सभी उपस्थित महिलाओं का स्वागत करते हुए करवाचौथ पर्व के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह पर्व नारी की श्रद्धा, प्रेम, समर्पण और त्याग का प्रतीक है, जो पारिवारिक जीवन के बंधनों को और सशक्त बनाता है।

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यह परंपरा हमें परिवार और रिश्तों की अहमियत को स्मरण कराती है तथा परस्पर सम्मान और एकता के संदेश को प्रबल करती है। उन्होंने राज्य में महिला अधिकारियों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वे न केवल अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों का उत्कृष्ट निर्वहन कर रही हैं बल्कि पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भी प्रेरणास्रोत बन रही हैं। उनके समर्पण और दक्षता से राज्य के सर्वांगीण विकास में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं ने करवाचौथ की मंगलकामनाओं के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। पारंपरिक उत्सव की आत्मीयता का आनंद साझा किया।

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