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महंत नरेंद्र गिरि केस: बलबीर गिरि की ताजपोशी से अटकलों पर विराम, बैरागी अखाड़ों को छोड़कर बाकी दस अखाड़ों संत बने गवाह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरिद्वार
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 05 Oct 2021 08:09 PM IST
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सार
अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी के मुताबिक श्रीमहंत नरेंद्र गिरी की षोडशी के बाद मंगलवार को बलबीर गिरी की बाघंबरी पीठ और लेटे हनुमान मंदिर की गद्दी सौंप दी गई।

महंत नरेंद्र गिरि और महंत बलबीर गिरि
- फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी की अटकलों पर मंगलवार को विराम लग गया। प्रयागराज स्थित बाघंबरी पीठ और लेटे हनुमान मंदिर की गद्दी पर बलबीर गिरि की ताजपोशी हो गई। समारोह में हरिद्वार से तीन बैरागी अखाड़ों को छोड़कर सभी दस संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के संत-महंत गवाह बने।
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20 सितंबर को श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज बाघंबरी पीठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव पंखे से लटका मिला और 21 सितंबर को कथित सुसाइड नोट वायरल हुआ। नोट में हरिद्वार बिलकेश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाए जाने का जिक्र था। श्री निरंजनी अखाड़े और अन्य संतों की ओर से सुसाइड नोट को फर्जी करार दिया। इसके बाद ही मामला पेचीदा हो गया और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।
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अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी के मुताबिक श्रीमहंत नरेंद्र गिरी की षोडशी के बाद मंगलवार को बलबीर गिरी की बाघंबरी पीठ और लेटे हनुमान मंदिर की गद्दी सौंप दी गई। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने बताया कि समारोह में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि समेत संत-महंतों ने ताजपोशी की रस्म अदा की। लेकिन तीनों बैरागी अखाड़ों के संत समारोह के गवाह बने। रविंद्रपुरी ने बताया कि बाघंबरी और लेटे हनुमान मंदिर की गद्दी से जुड़ा विवाद खत्म हो गया।
बिल्केश्वर के संत-महात्मा ही संभालेंगे व्यवस्था
बलबीर गिरी बिल्केश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक रहे। ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट को उनकी वसीयत मानते हुए श्री निरंजनी के अखाड़े के संतों एवं पंच परमेश्वरों की सहमति पर बलबीर गिरि की मंगलवार को प्रयागराज बाघंबरी पीठ और लेटे हनुमान मंदिर की गद्दी पर ताजपोशी कर दी है। अब बिलकेश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्थाएं वहीं रहने वाले संत-महात्मा संचालित करेंगे। श्री पंचायती अखाड़ा सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने बताया कि फिलहाल मंदिर में पांच संत महात्मा रहते हैं। वहीं मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन करेंगे।
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