Uttarakhand: प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा फिर हो सकती है स्थगित, कोर्ट के आदेश पर स्थिति स्पष्ट नहीं
प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले कई शिक्षक टीईटी नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति के लिए टीईटी को अनिवार्य किया है। प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के दायरे में आएगा या नहीं इसके लिए परीक्षण कर रहे हैं। तब तक परीक्षा को स्थगित कर रहे हैं।

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प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा एक बार फिर स्थगित हो सकती है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्यता किया हुआ है, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट किए जाने के लिए न्याय विभाग से परामर्श लिया जा रहा है। तब तक परीक्षा स्थगित रहेगी।

शिक्षा सचिव के मुताबिक प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा में सहायक अध्यापक एलटी को भी शामिल किया गया है। परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले कई शिक्षक टीईटी नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति के लिए टीईटी को अनिवार्य किया है। प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के दायरे में आएगा या नहीं इसके लिए परीक्षण कर रहे हैं। तब तक परीक्षा को स्थगित कर रहे हैं।
इस संबंध में शासन राज्य लोक सेवा आयोग को भी पत्र लिखेगा। यदि नियमावली में बदलाव करना पड़ा तो परीक्षा रद्द होगी। राजकीय शिक्षक संघ की ओर से भी प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा का विरोध किया जा रहा है। संगठन के विरोध के बाद सरकार ने सचिव कार्मिक शैलेश बगौली की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। जो इस मामले में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु के मुताबिक समिति की दो बैठकें हो चुकी है।
बेसिक के शिक्षकों की रुकी है पदोन्नति
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग में बेसिक के शिक्षकों की पदोन्नति को रोक दिया गया है। हालांकि सरकार की ओर से मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला लिया गया है, लेकिन शिक्षकों की पदोन्नति रुकी है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के मुताबिक प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा पदोन्नति नहीं है, लेकिन फिर भी इस मसले पर न्याय विभाग का परामर्श लिया जा रहा है।
प्रधानाचार्य के इतने पद हैं खाली
प्रदेश के राजकीय इंटरमीडिएट कालेजों में प्रधानाचार्य के कुल सृजित 1385 पदों में से 1184 पद खाली हैं। जबकि प्रधानाध्यापक के सृजित 910 पदों में से 822 पद खाली हैं। शासन ने प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा के लिए नियमावली में संशोधन किया था।
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आयोग कर चुका परीक्षा की तिथि घोषित
प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाने के बाद परीक्षा तिथि घोषित कर चुका है। आयोग के मुताबिक परीक्षा आठ फरवरी 2026 को होनी है।