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Uttarakhand: रायकाना ग्लेशियर है संवेदनशील वसुंधरा ताल के पानी का प्रारंभिक स्रोत, 38 मीटर मिली झील की गहराई

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Mon, 05 May 2025 12:56 PM IST
सार

राज्य में 13 संवेदनशील झीलों की पहचान की गई है। इसमें से एक चमोली जिले की 4702 मीटर पर स्थित हिमझील वसुंधरा ताल है।

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Raikana Glacier is primary source of water for the sensitive Vasundhara Tal in Uttarakhand
ग्लेशियर ( प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : Istock
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राज्य में संवेदनशील माने जाने वाली वसुंधरा ताल के पानी का प्रारंभिक स्रोत रायकाना ग्लेशियर है। इसके अलावा ताल की गहराई 38 मीटर है। यह बात वसुंधरा ताल के अध्ययन में सामने आयी है। इस अध्ययन में ताल की गहराई के अलावा लंबाई, चौड़ाई और उसे पानी के निकासी की स्थितियों को लेकर अध्ययन किया गया है।

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अध्ययन में सोनार आधारित इको साउंडर नाव जैसे आधुनिक संसाधनों का का इस्तेमाल किया गया था। राज्य में 13 संवेदनशील झीलों की पहचान की गई है। इसमें से एक चमोली जिले की 4702 मीटर पर स्थित हिमझील वसुंधरा ताल है। इस ग्लेशियर झील का जीएलओएफ (ग्लेशियर से भरी झील से अचानक पानी निकलने के जोखिम का मूल्यांकन किया जाता है) एस्समेंट सर्वे कराने का फैसला किया गय, इसी के तहत पिछले साल अक्तूबर में 15 सदस्यों की टीम को भेजा गया था।
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ताल में पानी निकासी के दो बिंदु मिले
इसमें वाडिया, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, यूएलएमएमसी, आईआईआरएस, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के कर्मी शामिल थे। इस दल ने सोनार आधारित इको साउंडर नाव समेत अन्य आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए वसुधंरा ताल का अध्ययन किया है इसमें वसुंधरा ताल की लंबाई 900 मीटर चौड़ाई 600 मीटर मिली है इसके अलावा लाल की गहराई करीब 38 मीटर है।

सर्वे में सामने आया है कि ताल के पानी का स्रोत रायकाना ग्लेशियर है। इस ताल जल निकासी के बारे में जानकारी दी गई है। ताल में पानी निकासी के दो बिंदु मिले हैं। इसमें एक निकासी की चौड़ाई चार मीटर और गहराई 1.3 मीटर है। दूसरी निकासी दो छोटी झील के माध्यम से हो रही है।

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रिपोर्ट में भूस्खलन, हिमस्खलन की स्थितियों के बारे में उल्लेख किया गया है। पिछले महीने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में बैठक हुई थी, इसमें भी संबंधित झील से जुड़े अध्ययन के बिंदुओं को साझा किया गया था।

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