सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   Roorkee Municipal Corporation Election 2019 result analysis

रुड़की नगर निगम चुनावः कांग्रेस का दांव काम नहीं आया, भाजपा को बागी ने फंसाया 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Mon, 25 Nov 2019 09:29 AM IST
सार

  • दोनों ही दलों को स्थानीय नेतृत्व की नब्ज को न पकड़ पाने से हुआ नुकसान
  • अब टिकट आवंटन को लेकर दोनों दलों में उठ रहे हैं सवाल  

विज्ञापन
Roorkee Municipal Corporation Election 2019 result analysis
रुड़की चुनाव - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

रुड़की नगर निगम में जीत के इरादे से उतरी कांग्रेस का दांव काम नहीं आया। भाजपा को टिकट का असंतोष न थामना और बागी को मैदान में उतरने देना भारी पड़ा। सत्ताधारी दल भाजपा ने रुड़की निगम में मेयर पद पर मयंक गुप्ता को मैदान में उतारा था। मयंक को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पसंद भी माना गया। खुद सीएम भी एक बार निगम के चुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे।

Trending Videos


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की पसंद का ही शायद सबब रहा कि भाजपा ने मयंक को असंतोष के बीच मैदान में उतारा। कुल चार लोगों की बगावत में एक गौरव गोयल ही थे जो मैदान में डटे रहे। गौरव गोयल को कम आंकने की गलती कर भाजपा पूरी तरह से मयंक के पाले में उतर गई थी। परिणाम बताता है कि भाजपा की रणनीति उसके काम नहीं आई और भाजपा के बागी ने ही भाजपा के उम्मीदवार को पटकनी दी। यह पटकनी भी इतनी जबर्दस्त रही कि भाजपा दूसरे स्थान के बजाय तीसरे स्थान पर पहुंच गई। 
विज्ञापन
विज्ञापन

 

भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही टिकट को लेकर सवाल उठ रहे हैं

यही हाल कांग्रेस का हुआ। निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा को कांग्रेस सबसे मजबूत दावेदार मान रही थी। कानूनी विवाद को देखते हुए यशपाल राणा को तो टिकट नहीं दिया जा सका लेकिन कांग्रेस ने राणा की पत्नी को टिकट दिया। जब यहां भी विवाद की आशंका बनी तो राणा के भाई रिशू राणा को टिकट दिया गया।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी मनोहर लाल शर्मा ने भी अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश ने यशपाल राणा परिवार पर ही भरोसा जताया।

अब भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही टिकट को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस में कहा जा रहा है कि विवादों से नाता रखने वाले राणा परिवार का मोह त्यागकर कांग्रेस को अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा करना चाहिए था। ठीक इसी तरह भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ भी शिकायत है कि स्थानीय पदाधिकारी गौरव गोयल को सबसे सशक्त उम्मीदवार बता रही थी लेकिन प्रदेश भाजपा ने मयंक गुप्ता पर दांव खेला।  
 

जनता ने भाजपा को नकारा

कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ा, फिर भी जो जनादेश सामने आया है हम उसका सम्मान करते हैं। चुनाव परिणाम यह साबित कर रहा है कि जनता ने भाजपा को नकारा है। टक्कर तो आखिरकार कांग्रेस और निर्दलीय के बीच ही रही। भाजपा को तीसरे नंबर पर पहुंचाकर लोगों ने साबित कर दिया है कि वे प्रदेश सरकार से खुश नहीं है। कांग्रेस इस चुनाव परिणाम की समीक्षा भी करेगी। जहां तक टिकट का सवाल है सबकी राय लेकर ही टिकट फाइनल किया गया था।
- प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस  

रुड़की नगर निगम चुनाव के आए नतीजों की समीक्षा की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि किन कारणों से पार्टी को नुकसान हुआ। मेयर और पार्षद पद पर पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ बागियों के निर्दलीय उतरने से नतीजे प्रभावित हुए। कई वार्डों में पार्टी प्रत्याशी करीब अंतर से हारे हैं। ऐसा लग रहा है कि बगावत का सर्वाधिक नुकसान मेयर की सीट पार्टी को उठाना पड़ा है।
- सांसद अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed