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रिपोर्ट में हुआ खुलासा: जोशीमठ में क्षमता से ज्यादा भार, अब न हों भारी निर्माण, 20 फीसदी भवन रहने योग्य नहीं

विनोद मुसान, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Tue, 26 Sep 2023 06:19 PM IST
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सार

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जोशीमठ क्षेत्र को नो-न्यू कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाना चाहिए। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है।

Scientist Report reveals Joshimath has overload capacity and heavy construction should not be done now
जोशीमठ - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
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चमोली जिले के जोशीमठ में भूधंसाव पर सामने आई वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ पहले ही अपनी क्षमता से अधिक भार उठा रहा है। ऐसे में यहां नए भारी निर्माण न किए जाएं। रिपोर्ट में पूरे जोशीमठ के धंसने की आशंका को नगण्य करार दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र की लगातार निगरानी और विस्तृत भूवैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जोशीमठ क्षेत्र को नो-न्यू कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाना चाहिए। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जोशीमठ की जनसंख्या 16,709 थी, जिसका घनत्व 1,454 प्रति वर्ग किमी था। जिला प्रशासन के अनुसार, इस संवेदनशील शहर की अनुमानित आबादी अब 25 से 26 हजार के बीच है। जोशीमठ में भूधंसाव के बाद भवनों की स्थितियों का आकलन करने की जिम्मेदारी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को सौंपी गई थी।
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जोशीमठ:  रहस्यों से उठने लगा पर्दा...जमीन के भीतर पानी रिसने से चट्टानों का खिसकना बना भूधंसाव का कारण

सीबीआरआई ने जोशीमठ के नौ प्रशासनिक क्षेत्रों में फैले 2364 भवनों का व्यापक भौतिक क्षति सर्वेक्षण किया। इसमें निर्माण की शैली के साथ विभिन्न विशेषताओं, मंजिलों की संख्या जैसे मापदंडों पर सांख्यिकीय विश्लेषण का उपयोग कर इमारतों की संवेदनशीलता का आकलन किया। अपनी 324 पन्नों की रिपोर्ट में सीबीआरआई ने 20 प्रतिशत घरों को अनुपयोगी, 42 प्रतिशत के और मूल्यांकन की आवश्यकता, 37 प्रतिशत को उपयोग योग्य और एक प्रतिशत को ध्वस्त करने की आवश्यकता बताई है।

868 भवनों में दरारें, 181 असुरक्षित क्षेत्र में

जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र में कुल नौ वार्ड प्राभावित हैं। इनमें गांधीनगर वार्ड में 156 भवनों में दरारें हैं। इनके अलावा पालिका मारवाड़ी में 53, लोवर बाजार में 38, सिंघधार में 156, मोहनबाग में 131, अपर बाजार में 40, सुनील में 78, परसारी में 55 और रविग्राम वार्ड में 161 भवनों में दरारें हैं। इस तरह से कुल 868 भवनों में दरारें हैं। इनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में हैं।

जोशीमठ में अंधाधुंध निर्माण पर सवाल

सीबीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में जोशीमठ में अंधाधुंध निर्माण पर सवाल उठा यहां हिमालय क्षेत्र के पर्वतीय क्षेत्रों में शहरों के विकास के लिए नगर नियोजन के सिद्धांतों की समीक्षा करने की सिफारिश की। सीबीआरआई ने निष्कर्ष निकाला कि भू-तकनीकी और भू-जलवायु स्थितियों के आधार पर हितधारकों के बीच अच्छी निर्माण टाइपोलॉजी, नियंत्रित निर्माण सामग्री, नियामक तंत्र और जागरूकता जरूरी है।

ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण पर जोर

एनडीएमए के नेतृत्व वाली टीम की ओर से तैयार की गई पीडीएनए रिपोर्ट में जोशीमठ में बड़े पैमाने पर भविष्य की पुनर्निर्माण गतिविधियों से पर्यावरण पर संभावित नकारात्मक प्रभाव की ओर इशारा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में किए जाने वाले पुनर्निर्माण ग्रीन बिल्डिंग आधारित, उपयुक्त प्रौद्योगिकी और सीमित कंक्रीट वाले हों।
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