समाजवाद और पंथ निरपेक्षता संविधान निर्माताओं के शब्द नहीं हैं। यह दोनों शब्द आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़े गए। यह बातें राजावाला रोड स्थित इक्फाई विवि में संविधान एवं राजनीति विषय पर आयोजित कार्यक्रम में विधि संकाय के छात्रों को संबाेधित करते हुए उत्तराखंड के पूर्व सीएम व महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि कुशल राजनेता और राजनीतिज्ञ के बीच अंतर होता है। राजनीतिज्ञ चुनाव जीतने को लक्ष्य मानता है, जबकि कुशल नेता पीढ़ियाें के विकास व जन कल्याण को अपना उद्देश्य बनाकर कार्य करता है। उन्होंने कहा, समय-समय पर संविधान में संशोधन किए गए। इसी क्रम में आपातकाल के दौरान समाजवाद और पंथ निरपेक्षता शब्द भी जोड़ दिए गए।
इसके पहले विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. रमेश चंद्र रमोला और डीन डॉ. मोनिका खरोला ने उन्हें स्मृतिचिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। इस मौके पर अतिथियों ने पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम में डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. राजीव भारतीय, माधुरी पुंडीर मौजूद रहे।