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विधानसभा का विशेष सत्र: पक्ष-विपक्ष में पहाड़ मैदान पर छिड़ी बहस...मंत्री उनियाल बोले, हम सब उत्तराखंडी

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Tue, 04 Nov 2025 10:46 PM IST
सार

सत्र के दूसरे दिन भोजनावकाश से पहले जो बहस छिड़ी, वह भोजनावकाश के बाद भी नजर आई। जैसे ही विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने बनभूलपुरा को नरक बोला तो विपक्षी विधायक विरोध में उतर आए।

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Uttarakhand  Assembly Special session Debate broke out between opposition on mountain grounds
मंत्री सुबोध उनियाल - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
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विस्तार
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राज्य गठन के 25 साल बाद आज भी कहीं न कहीं पहाड़-मैदान के बीच की खाई नहीं पट पाई है। इसकी एक झलक मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में देखने को मिली। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि हम सब उत्तराखंडी हैं। हमें उत्तराखंड के विकास पर बात करनी है।

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सत्र के दूसरे दिन भोजनावकाश से पहले जो बहस छिड़ी, वह भोजनावकाश के बाद भी नजर आई। जैसे ही विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने बनभूलपुरा को नरक बोला तो विपक्षी विधायक विरोध में उतर आए। विधायक सुमित ह्रदयेश से लेकर तिलकराज बेहड़ और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी इस पर आपत्ति जताई। उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि जब भाजपा की सरकार भूमिधरी का अधिकार नहीं दे पा रही तो उसको अतिक्रमण का नाम दे रही है। विधायक सुमित ह्दयेश ने मांग की कि राज्य के नगर निकायों में 80 प्रतिशत आबादी नजूल भूमि पर बसी है, उन्हें नियमित किया जाए। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने भी पहाड़-मैदान की राजनीति का विरोध करते हुए राज्य के हित में विकास का रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया। बाद में संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने सदन में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि पूरा उत्तराखंड एक है, हम सब उत्तराखंडी हैं। हमें मिलकर राज्य के विकास पर चर्चा करनी है। इसे आगे बढ़ाना है।
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उत्तराखंड रजत जयंती: विधानसभा के विशेष सत्र में विकास पर हुई चर्चा, सदन की कार्यवाही एक दिन और बढ़ी

पहाड़ मैदान की बात गलत : सुमित हृदयेश
कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि सबने मिलकर उत्तराखंड को संवारा है, पहाड़-मैदान की बात करना गलत है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एनडी तिवारी ने अटल जी के साथ मिलकर सिडकुल की स्थापना की थी, जिससे लाखों परिवार पल रहे हैं। लेकिन सिडकुल की कंपनियों में शीर्ष पदों पर बमुश्किल पांच प्रतिशत भी यहां के युवा नहीं हैं। 70 प्रतिशत आरक्षण केवल नीचे के पदों के लिए है। उन्होंने उपनलकर्मियों के नियमितिकरण पर जोर दे अफसरशाही के रवैये को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की भी मांग की।

राज्य ने 25 साल में खूब की तरक्की : काऊ
भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि राज्य गठन के 25 साल में हमने निश्चित तौर पर खूब तरक्की की है। आज हम संतोष में हैं, खासतौर से मेरी विधानसभा के लोग। सड़कें, बिजली, पानी जिनकी कभी अपेक्षा नहीं थी, आज उपलब्ध हैं। कहा, 25 साल में हमने किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। पशुपालन विभाग एक लक्ष्य समृद्धि के लिए काम कर रहा है। पशु चिकित्सक 15% और पशु सेवा केंद्र 30% बढ़े। 2,15,000 पशुधन का बीमा किया गया। 13 जिलों के 332 पशु चिकित्सालय बने। उन्होंने भी कहा कि हम सबको मिलकर राज्य हित में काम करने की जरूरत है।

पहाड़-मैदान की परिस्थितियां उत्पन्न नहीं करनी : खजानदास
भाजपा विधायक खजानदास ने कहा कि वह उस दिन के साक्षी हैं, जब यूपी के सदन में उत्तराखड का प्रस्ताव पास हुआ था। वह दर्शक दीर्घा में मौजूद थे। तब उत्तराखंड के एक विधायक ने जो टिप्पणी की थी, उससे मेरा खून खौल गया था। हालांकि तत्कालीन विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने इसका जवाब दिया था, जिस पर बाद में तत्कालीन यूपी के मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने भी जवाब दिया था। कहा, हम आज गढ़वाल, कुमाऊं, मैदानी क्षेत्र की बात करते हैं। हमें ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न नहीं करनी चाहिए। आने वाले 25 वर्षों में हम इस राज्य को शहीदों के सपने का प्रदेश बना सकते हैं।


 

वाद का विरोधी, सरोकारों का समर्थक : चौहान
भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि वह किसी भी वाद के सख्त विरोधी हैं लेकिन पहाड़ के सरोकारों के समर्थक हैं। उत्तराखंड कोई धर्मशाला नहीं कि कोई भी यहां आकर जाति प्रमाणपत्र बना ले और नौकरी लगवा ले। उन्होंने छुटभैया राजनीति से बाहर निकलने की बात की। कहा कि राष्ट्रपति ने हमारी रग पर हाथ रखा। उनका संबोधन हम सबके लिए प्रेरणा है। कहा, उत्तराखंड की डेमोग्राफिक प्रोफाइल लगातार बदल रही है। बनभूलपुरा जैसी नरक की स्थिति नहीं बनने देनी चाहिए। हम उत्तराखंड की मौलिकता से समझौता नहीं कर सकते। भू-कानून के बारे में और गंभीरता से सोचना होगा।

हमने पहाड़ के तीन नेता लोकसभा भेजे : शहजाद
बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि हमने पहाड़ के तीन नेताओं को जिताकर लोकसभा भेजा है, हमारी मानसिकता गलत नहीं है। पहाड़ से विधायक बनते ही देहरादून, हल्द्वानी में मकान बना लेते हैं। कहा कि बार-बार डेमोग्राफी बदलने की बात कर रहे हैं, हमारी भी चिंता करें। दूसरे राज्य वालों के प्रमाणपत्र कैस बन रहे हैं। हम सब उत्तराखंड निवासी हैं, प्रदेश के विकास की बात करनी होगी। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने मजार तोड़कर जो 9000 एकड़ भूमि कब्जामुक्त कराई, उसे गरीबों को पट्टे पर दी जाए। लक्सर विधानसभा क्षेत्र के लिए विशेष राज्य सेक्टर में पैकेज मांगा।

पहाड़ मैदान छोड़ो, उत्तराखंड को जोड़ो : रवि बहादुर
कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने सदन में भविष्य के रोडमैप के बजाय पहाड़-मैदान पर चर्चा पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि पहाड़ मैदान छोड़ो, उत्तराखंड जोड़ो। कहा, राज्य बनने के बाद से आज तक सफाईकर्मियों का वेतन नहीं बढ़ाया जा सका। वह आज भी गंभीर आर्थिक संकट के बीच जीवनयापन कर रहे हैं। कहा, रजत जयंती पर विशेष सत्र हुआ तो आपदा पर क्यों नहीं किया गया।

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