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Uttarakhand Monsoon Session: पहाड़ के सपनों की ग्रीष्मकालीन राजधानी, 11 साल, 10 सत्र, अवधि केवल 35 दिन

आफताब अजमत, अमर उजाला ब्यूरो, भराड़ीसैंण Published by: रेनू सकलानी Updated Thu, 21 Aug 2025 08:18 AM IST
सार

उत्तराखंड मानसून सत्र में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। शोरगुल के बीच 5315 करोड़ का अनुपूरक बजट और आठ विधेयक पारित हो गए। इस दौरान डेढ़ दिन में 2 घंटे 40 मिनट ही सदन की कार्यवाही चली। इसके साथ ही दूसरे ही दिन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

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Uttarakhand Monsoon Session 2025 Summer capital of mountain dreams 11 years 10 seasons duration only 35 days
उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र - फोटो : उत्तराखंड सूचना
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विस्तार
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देश की सबसे अधिक 5410 फीट ऊंचाई पर बसी विधानसभा पहाड़ के सपनों की ग्रीष्मकालीन राजधानी तो बनी। लेकिन 11 साल में यहां 10 बार पहुंचकर सरकारों ने केवल 35 दिन ही सत्र चलाया है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि लाखों का खर्च करके भी बिना किसी मुद्दे पर चर्चा किए सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई।

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वर्ष 2014 में पहली बार गैरसैंण में टेंट में विधानसभा सत्र हुआ और भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन का शिलान्यास पशुपालन विभाग की 47 एकड़ भूमि पर किया गया। एक उम्मीद के साथ 11 साल पहले जो शुरुआत की गई थी, वह धरातल पर कम ही नजर आ रही है। हालात ये हैं कि 11 साल में यहां 10 सत्र हुए, जो 35 दिन चले।

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राजनीतिक दलों ने सब्जबाग तो खूब दिखाए लेकिन पहाड़ चढ़ने के बावजूद सदन चलाने को लेकर उदासीनता सबकी एक जैसी ही रही। अब तो ये माना जाता है कि भराड़ीसैंण में सत्र की पटकथा पहले ही लिख दी जाती है। सरकार सत्र चलाने पहुंचती है, विपक्ष हंगामा करता है और सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला है।

खूब हुआ खर्चा, इतिहास में पहली बार नहीं हुई कोई चर्चा

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब बिना किसी भी चर्चा के सत्र पूरा हो गया। इस सत्र में दोनों ही दिन प्रश्नकाल नहीं हो पाया। नियम-58 के तहत चर्चा नहीं हो पाई। नियम-300, नियम-53 के तहत भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। चार दिन के सत्र का दो दिन भी न चलना, सवाल खड़े कर रहा है। कहा जा रहा है कि सत्र पर खूब हुआ खर्चा लेकिन राज्य से जुड़े किसी भी आपदा, कानून व्यवस्था या अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई।

किसकी सरकार में कितने दिन चला सत्र

भराड़ीसैंण में कांग्रेस सरकार में तीन, भाजपा सरकार में छह विधानसभा सत्र हुए हैं। भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में सर्वाधिक 19 दिन सत्र यहां चला। हरीश रावत सरकार में चार दिन, बहुगुणा सरकार में तीन दिन और धामी सरकार में दो बार सात दिन का सत्र यहां चला है।

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अब तक कितने दिन चला भराड़ीसैंण में सत्र

सत्र की तिथि- संचालन की अवधि

09 जून 2014- 03 दिन

02 नवंबर 2015 - 02 दिन

17 नवंबर 2016 - 02 दिन

07 दिसंबर 2017 - 02 दिन

20 मार्च 2018 - 06 दिन

03 मार्च 2020 - 05 दिन

01 मार्च 2021 - 06 दिन

13 मार्च 2023 - 04 दिन

21 अगस्त 2024 - 03 दिन

19 अगस्त 2025- 02 दिन

 

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