National Games: राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर मौली ने साझा किए अपने अनुभव, देखिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
Uttarakhand National Games: अमर उजाला से विशेष बातचीत में शुभंकर बन रहे प्रियांशु ने कहा कि मौली का किरदार निभाना राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने जितना ही महत्वपूर्ण है।

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38वें राष्ट्रीय खेलों से जुड़े शुभंकर मौली ने मंगलवार को अमर उजाला कार्यालय पहुंचकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनना बड़ी उपलब्धि है। जिलेभर में लोगों का बहुत प्यार मिल रहा है और बहुत कम समय में एक अलग पहचान भी मिल गई।

देहरादून के हर्रावाला निवासी प्रियांशु बीते कुछ दिनों से जिले में मौली बन राष्ट्रीय खेलों का प्रचार कर रहे हैं। अमर उजाला से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि मौली का किरदार निभाना राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने जितना ही महत्वपूर्ण है।
बताया कि वह रोजाना सुबह का नाश्ता कर मौली के किरदार में तैयार होकर घर से निकल जाते हैं। अभी तक का अनुभव बहुत अच्छा है। 21 वर्षीय प्रियांशु बताते हैं कि जब भी लोग उनसे मिलते हैं तो उत्साहित होकर उनका स्वागत करते हैं। साथ जमकर सेल्फी भी लेते हैं। इस किरदार से उन्हें नई पहचान मिली है।
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उत्तराखंडी गीत पर मौली का नृत्य हो रहा वायरल
हाल ही में मौली ने अपने साथियों के साथ महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में उत्तराखंडी लोकगीत पर नृत्य किया था, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। डीएवी कॉलेज में पढ़ रहे प्रियांशु बताते हैं कि उन्हें यह मौका तब मिला जब उनके कॉलेज से खेल विभाग ने वाॅलंटियर की सूची मांगी और उनका चयन मौली के लिए हो गया।
मौली का उत्साह नहीं होने देता थकान का अहसास
प्रियांशु ने कहा, मौली का किरदार निभाना एक थकान भरा काम है। लेकिन, लोगों से मिलना और राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनने का उत्साह थकान का अहसास नहीं होने देता।