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Uttarakhand: कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा- वक्फ के इतिहास को भी जानता है सुप्रीम कोर्ट- उम्मीद है न्याय होगा
अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Mon, 15 Sep 2025 02:02 PM IST
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सार
वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को लेकर शीर्ष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। मामले को लेकर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अपनी बात कही।

पूर्व सीएम हरीश रावत
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ के इतिहास को भी जानता है और इसके साथ जुड़े हुए धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को भी जानता है और सरकार के उद्देश्य को भी जानता है। हम उम्मीद करते हैं कि अगर सरकार न्याय नहीं दे सकी है, सुप्रीम कोर्ट न्याय देगा।"

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सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके अनुसार किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए पांच वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना आवश्यक था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा, जब तक यह निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं। सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के सभी प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायालय का कहना है कि कुछ धाराओं को संरक्षण की आवश्यकता है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ अधिनियम के उस प्रावधान पर भी रोक लगा दी है, जो कलेक्टर को यह निर्धारित करने का अधिकार देता था कि वक्फ घोषित की गई संपत्ति सरकारी है या नहीं और आदेश पारित कर सकता था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का न्याय करने की अनुमति नहीं दी जा सकती और यह शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन होगा।
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सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। फिलहाल वक्फ परिषदों में कुल मिलाकर चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।