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Uttarakhand: मंत्रालय हो मेहरबान, तो पूरे हो अरमान...वर्षों से कई मार्गों को NH घोषित करने का प्रस्ताव लंबित

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Sat, 01 Mar 2025 02:34 PM IST
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सार

देहरादून से नई टिहरी के लिए वैकल्पिक मार्ग समेत कई योजनाओं के लिए भी मंत्रालय की रजामंदी की दरकार है।

Uttarakhand News proposal to declare many routes as national highways pending at ministry level for years
हाईवे। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय स्तर पर प्रदेश से जुड़े कई प्रस्तावों पर मंत्रालय की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। इसमें राज्य के कई मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव वर्षों से लंबित है। इसके साथ ही मौजूदा सेंट्रल रोड फंड की राशि जारी होने से लेकर नए प्रस्ताव पर अनुमति मिलना बाकी है।

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छह प्रस्तावों पर अंतिम सहमति जारी होना बाकी

राज्य में वर्तमान में 21 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इनकी लंबाई करीब 2954 किमी है। राज्य की तरफ से 16 सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में जा चुका है। इसके अलावा खैरना- रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पांडुखाल-नागचुलाखाल-बैजरो, बिहारीगढ़- रौशनाबाद और लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडांडा-मोहन-रानीखेत का प्रस्ताव गया था। इसमें सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है पर अभी तक मंजूरी नहीं हुई है। हाल में लोनिवि के अधिकारियों ने नए सिरे से गढ़वाल को जोड़ने वाले खैरना-रानीखेत-बैजरो मार्ग राज्यमार्ग और नेपाल सीमा तक जाने वाले काठगोदाग-लोहाघाट-पंचेश्वर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की बात रखी।

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ग्रीन फील्ड फोरलेन का प्रस्ताव अटका, काठगोदाम बाईपास के लिए फिर होगी कोशिश

एनएचएआई ने रुद्रपुर से काठगोदाम फोरलेन योजना के तहत काठगोदाम बाईपास की योजना थी। इसी के तहत सीआरपीएफ के पास से टनल बना कर रानीबाग तक पहुंचाया जाना था। पर इस काम नहीं हो सका है। इसको लेकर शासन स्तर से पैरवी की गई थी। अब नए सिरे से प्रस्ताव को तैयार कर एनएचएआई मुख्यालय को भेजने की तैयारी है। अगर मंत्रालय स्वीकृति देता है, तो योजना आगे बढ़ सकेगी। इसके अलावा नई टिहरी से जौलीग्रांट हवाई अड्डे से ग्रीन फील्ड फोरलेन की 42 किमी की योजना है। इसमें 17 किमी टनल होगी। यह योजना एनएचएआई में होल्ड है। इसको लेकर भी शासन स्तर से कोशिश की गई है।

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सीआरएफ से राशि मिलना बाकी, नए प्रस्ताव को हरी झंडी मिलना बाकी

राज्य में केंद्रीय सड़क निधि से काम होते हैं। इसमें प्रस्ताव स्वीकृति होने के बाद काम पूरा होने के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माध्यम से राशि की प्रतिपूर्ति होती है। इसमें पुराने प्रस्तावों के करीब 300 करोड़ मिलने हैं, इसमें 50 करोड़ मिल चुके हैं। इसके अलावा नए वित्तीय वर्ष के लिए 400 करोड़ के 12 कार्यों के स्वीकृति मिलना बाकी है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज पांडेय का कहना है कि सीआरएफ की राशि जल्द मिलने की उम्मीद है, इसके अलावा एनएच घोषित करने के लिए प्रस्ताव गया हुआ है।



 

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