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उत्तराखंड: कैंपा योजना में 10 हजार लोगों के रोजगार का रास्ता साफ, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने दी मंजूरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 22 Oct 2020 11:38 PM IST
सार

  • कैंपा योजना में भी 262 करोड़ रुपये की स्वीकृति देगी केंद्र सरकार

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Uttarakhand: Way Clear for employment of 10 thousand people under Campa Scheme
प्रकाश जावड़ेकर - फोटो : पीटीआई
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उतराखंड में कैंपा योजना के तहत 10 हजार लोगों के रोजगार का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुरोध पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। स्वीकृति प्राप्त होने के बाद इस योजना में राज्य सरकार करीब 262 करोड़ रुपये खर्च कर सकेगी।

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मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इस दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश भी उनके साथ थे। उन्होंने जावड़ेकर को बताया कि कोविड के कारण प्रदेश में करीब साढ़े छह लाख लोग राज्य के आंतरिक कस्बों और नगरों से गांवों की ओर गए। करीब साढ़े तीन से चार लाख लोग राज्य के बाहर से अपने गांवों में लौटे।
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राज्य सरकार ने इन सभी के रोजगार की चिंता की है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत कई योजनाएं बनाई गई हैं। इसके तहत सरकार ने कैंपा योजना के तहत पहले चरण में 10 हजार लोगों के रोजगार की एक योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मानव वन्यजीव संघर्ष और जंगल की आग पर प्रभावी रोक लगाए जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखंड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि की समस्या है।

इस पर रोक लगाने के लिए कैंपा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव कें द्रीय वन मंत्रालय को भेजा गया है। केंद्रीय मंत्री ने इस पर अपनी सहमति दे दी है।

कैंपा योजना से वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाना चाहती है सरकार

मुख्यमंत्री ने जावड़ेकर से वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित करने का अनुरोध किया। बता दें कि वानिकी गतिविधि में शामिल होने पर राज्य सरकार कैंपा योजना से वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बना सकती है।

मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव के पक्ष में कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवर विशेष तौर पर बंदर, सूअर और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लैपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इस पर भी अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।

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