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Delhi: सौरभ भारद्वाज-सत्येंद्र जैन के खिलाफ चलेगी भ्रष्टाचार की जांच, एलजी ने एसीबी छानबीन को दी मंजूरी

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Tue, 24 Jun 2025 09:59 PM IST
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सार

एसीबी को मिली शिकायत में प्रथम दृष्टया परियोजना लागत में लगातार वृद्धि, विभाग के तरफ से जानबूझकर देरी, लागत प्रभावी समाधानों को अस्वीकार करना, निधियों का गलत आवंटन और बेकार परिसंपत्तियों का निर्माण का खुलासा हुआ है। आप ने इन आरोपों से इनकार किया है।

Corruption investigation will be conducted against Saurabh Bhardwaj and Satyendra Jain
सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आप सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज के खिलाफ हजारों करोड़ से अधिक के कथित अस्पताल घोटाले की जांच होगी। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने छह मई को जांच की मांग की थी, जिसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। जांच के लिए रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने 22 अगस्त 2024 को शिकायत की थी। इसमें तत्कालीन मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर मिलीभगत कर स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों से इनकार किया है।

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आरोप है कि साल 2018-19 में 5590 करोड़ रुपये की लागत की 24 अस्पताल परियोजनाएं (11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड) स्वीकृत की गई थी। इसमें बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप है। 6800 के कुल बिस्तर क्षमता वाले 7 आईसीयू अस्पतालों को सितंबर 2021 से 6 महीने के भीतर पूर्व-इंजीनियर संरचनाओं का उपयोग कर निर्माण के लिए 1125 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी। तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 800 करोड़ रुपये की लागत के साथ केवल 50 फीसदी काम पूरा हुआ।

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लोकनायक अस्पताल न्यू ब्लॉक परियोजना के लिए 465.52 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी। चार साल में 1125 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई जो लागत से करीब तीन गुनी है। पॉलीक्लिनिक्स परियोजना के लिए 168.52 करोड़ रुपये की लागत स्वीकृत हुई। इसमें 94 पॉलीक्लिनिक्स तैयार करना था, लेकिन 52 का निर्माण करने पर 220 करोड़ रुपये खर्च हुए। स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली को लागू करने में एक दशक से अधिक समय की देरी हुई। इसमें वित्तीय लेन-देन में अस्पष्टता का मामला सामने आया। मंत्रियों ने एनआईसी की ई-हॉस्पिटल प्रणाली सहित लागत प्रभावी समाधानों को बार-बार खारिज किया। 

आरोप में दिखी सच्चाई 
एसीबी को मिली शिकायत में प्रथम दृष्टया परियोजना लागत में लगातार वृद्धि, विभाग के तरफ से जानबूझकर देरी, लागत प्रभावी समाधानों को अस्वीकार करना, निधियों का गलत आवंटन और बेकार परिसंपत्तियों का निर्माण का खुलासा हुआ है। इसे कदाचार और भ्रष्ट गतिविधियों की रणनीति और पैटर्न बताया गया। इसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

पीडब्ल्यूडी ने की गहन सतर्कता जांच की सिफारिश 
लोक निर्माण विभाग ने उल्लंघनों को देखते हुए गहन सतर्कता जांच की सिफारिश की। इसमें कहा गया कि आईसीयू अस्पतालों, पॉलीक्लिनिक्स और अन्य 24 अस्पतालों के निर्माण से संबंधित मुद्दों की पूरी जांच करें। भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और कानूनों और नियमों के उल्लंघन के मामलों की पहचान करें। यदि कोई गलत काम हुआ है तो उसके लिए जिम्मेदारी तय करें। 

सतर्कता विभाग ने दी अनुमति 
सतर्कता विभाग (डीओवी) ने प्रस्ताव दिया कि मामला पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच करने के लिए पीओसी अधिनियम, 1988 की धारा 17-ए के तहत अनुमति देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने से पहले एलजी के समक्ष सिफारिश के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।

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