26/11 मुंबई हमला: आतंकी तहव्वुर राणा की याचिका पर तिहाड़ जेल से जवाब तलब, एक अगस्त को सुनवाई
मुंबई आतंकी हमले के गुनाहगार तहव्वुर राणा की एक याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामला एक अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

विस्तार
पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की उस याचिका पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा, जिसमें राणा ने अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की अनुमति मांगी थी।

विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने संबंधित तिहाड़ जेल अधीक्षक से विस्तृत जवाब मांगा और मामले की सुनवाई एक अगस्त के लिए स्थगित कर दी। सुनवाई में जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया कि राणा को एक बिस्तर और गद्दा उपलब्ध कराया गया है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुनवाई की। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह कर रहे हैं। जिन्होंने तिहाड़ जेल अधीक्षक से विस्तृत जवाब मांगा और मामले की सुनवाई एक अगस्त के लिए स्थगित कर दी। इस बीच, जेल अधिकारियों ने कोर्ट को जानकारी दी है कि राणा को एक बिस्तर और एक गद्दा दिया गया है।
एनआईए की चार्जशीट में खुलासा
बीती 23 जुलाई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की चार्जशीट में खुलासा हुआ था कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले में कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा ने एक अहम भूमिका निभाई थी। वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी डेविड हेडली की मदद करने के लिए मुंबई में एक नकली ऑफिस बनाकर उसकी जासूसी गतिविधियों को अंजाम दिलवा रहा था। इस हमले में 170 से अधिक लोग मारे गए थे।
राणा ने पूछताछ में किेए कई खुलासे
एनआईए के मुताबिक, राणा ने हिरासत में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। इन बयानों की पुष्टि के लिए अमेरिका को म्युचुअल लीगल असिस्टेंस रिक्वेस्ट भेजी गई है। अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका से मिलने वाली जानकारी इस पूरे षड्यंत्र में शामिल अन्य चेहरों को उजागर कर सकती है। माना जा रहा है कि कई अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों से प्राप्त जानकारी षड्यंत्रकारियों के व्यापक नेटवर्क को उजागर करने और कार्रवाई योग्य सबूत जुटाने में महत्वपूर्ण होगी।
अमेरिका से भारत लाया गया था राणा
तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत 2025 की शुरुआत में प्रत्यर्पित किया गया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में उसकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे अप्रैल में एनआईए की हिरासत में लिया गया। उसे दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के तहत गिरफ्तार किया गया।
राणा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (षड्यंत्र), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध), 302 (हत्या), 468 और 471 (जालसाजी), और यूएपीए की धारा 16 व 18 के तहत आरोप तय किए गए हैं। उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। एनआईए जांच को आगे बढ़ा रही है और आगे और भी चार्जशीट दायर की जा सकती है।
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