सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Delhi government took a big step to provide relief from traffic jam on Ring Road

Delhi: रिंग रोड पर सुलझेगी जाम की उलझन, लोक निर्माण विभाग करवाएगा विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन

धनंजय मिश्रा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Sat, 30 Aug 2025 07:51 AM IST
विज्ञापन
सार

रिंग रोड का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि यह दिल्ली के लगभग हर बड़े इलाके को आपस में जोड़ता है। यह मार्ग एम्स, आश्रम, सराय काले खां, लाजपत नगर, पंजाबी बाग जैसे प्रमुख जंक्शनों से होकर गुजरता है।

Delhi government took a big step to provide relief from traffic jam on Ring Road
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : PTI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

राजधानी की लाइफलाइन कहे जाने वाले रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग) पर लोगों को जाम से राहत दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस 55 किलोमीटर लंबे मार्ग पर जाम खत्म करने के लिए विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे यहां लगने वाले जाम की उलझन सुलझेगी। इसके लिए 17.69 करोड़ रुपये की लागत वाली कंसल्टेंसी सेवाओं के लिए निविदा जारी की गई है।

loader
Trending Videos


रिंग रोड का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि यह दिल्ली के लगभग हर बड़े इलाके को आपस में जोड़ता है। यह मार्ग एम्स, आश्रम, सराय काले खां, लाजपत नगर, पंजाबी बाग जैसे प्रमुख जंक्शनों से होकर गुजरता है। इस पर रोजाना लाखों वाहन चलते हैं और भारी भीड़ के कारण अक्सर लंबा जाम लगता है। यही वजह है कि सरकार ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने का फैसला किया है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


निविदा दस्तावेज के अनुसार, चयनित कंसल्टेंट को कई स्तरों पर विस्तृत कार्य करना होगा। इनमें यातायात सर्वेक्षण, सड़क डिजाइन, जियो-टेक्निकल जांच, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव आकलन शामिल हैं। साथ ही, तीन वैकल्पिक योजनाएं, 3डी वॉकथ्रू और लागत-लाभ विश्लेषण भी तैयार करना होगा। इसके अलावा सड़कों के चौड़ीकरण, अंडरपास, फ्लाईओवर और अन्य संरचनाओं के विकल्प भी देखे जाएंगे ताकि यातायात प्रवाह बेहतर हो सके।

जंक्शनों और इंटरसेक्शनों पर ज्यादा समस्या
रिंग रोड पर सबसे बड़ी चुनौती जंक्शनों और इंटरसेक्शनों पर लगने वाला जाम है। विशेषकर आश्रम, धौलाकुआं, सराय काले खां, भैरो मार्ग और नारायणा जैसे पॉइंट्स पर रोजाना लंबा इंतजार करना पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सही इंजीनियरिंग समाधान लागू किए जाएं तो न केवल यात्रा समय घटेगा बल्कि ईंधन की बचत और वायु प्रदूषण में भी कमी होगी। परियोजना को 210 दिनों यानी सात माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ई-बिड जमा करने की अंतिम तारीख 19 सितंबर है। इससे पहले 3 सितंबर को प्री-बिड मीटिंग रखी गई है। विभाग का कहना है कि व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद ही आगे के निर्माण कार्य पर काम किया जाएगा। 

यात्रा में लगने वाला समय होगा कम
अगर यह योजना सफल रहती है तो रिंग रोड पर रोजाना घंटों फंसे रहने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। अनुमान है कि इससे यात्रा समय में 30 से 40 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। साथ ही, दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को भी कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि रिंग रोड के सुधार से दिल्ली की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और आम नागरिकों की जीवनशैली पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यह परियोजना न केवल राजधानी के ट्रैफिक सिस्टम को नया रूप देगी बल्कि दिल्ली की सड़कों पर बेहतर और सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करेगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed