सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Delhi: High Court concerned over suicide of students

Delhi: छात्रों की आत्महत्या पर हाईकोर्ट चिंतित, मजबूत और प्रभावी रैगिंग-रोधी व्यवस्था की तत्काल जरूरत बताई

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Fri, 12 Sep 2025 06:46 AM IST
विज्ञापन
Delhi: High Court concerned over suicide of students
Delhi High Court - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

दिल्ली हाई कोर्ट ने उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ती छात्र आत्महत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अदालत ने रैगिंग-रोधी हेल्पलाइन को प्रभावी बनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने कहा, कि छात्र आत्महत्याएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं और इस दिशा में तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।

loader
Trending Videos


सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य और छात्र आत्महत्याओं के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। 10 सितंबर के आदेश में कोर्ट ने कहा, छात्र आत्महत्याओं को रोकने के लिए मजबूत और प्रभावी प्रक्रियाएं लागू करना अत्यंत आवश्यक है।
विज्ञापन
विज्ञापन


यह टिप्पणी अमन सत्य काचरू ट्रस्ट द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आई, जिसमें राष्ट्रीय रैगिंग निवारण कार्यक्रम के प्रबंधन से संबंधित राहत की मांग की गई थी। यह कार्यक्रम 2012 से ट्रस्ट द्वारा संचालित था, लेकिन अप्रैल 2022 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नया टेंडर जारी कर इसे सेंटर फॉर यूथ सोसाइटी (सी4वाय) को सौंप दिया।

ट्रस्ट ने यूजीसी के टेंडर रद्द करने और रैगिंग-रोधी कार्यक्रम के प्रबंधन में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की थी। कोर्ट ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि वह मौजूदा टेंडर में हस्तक्षेप नहीं करेगा, जो 31 दिसंबर 2025 तक वैध है। हालांकि, कोर्ट ने ट्रस्ट द्वारा उठाए गए मुद्दों, जैसे यूजीसी और सी4वाय की लापरवाही और रैगिंग की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लिया।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और नेशनल मेडिकल कमीशन 2024 के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिवर्ष 13,000 से अधिक छात्र आत्महत्याएं होती हैं, जो किसानों की आत्महत्याओं (11,000) से अधिक हैं। 2019-2023 के बीच केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में 98 आत्महत्याएं हुईं, जिनमें से 11 अकेले आईआईटी में थीं। मेडिकल कॉलेजों में 2018-2023 के बीच 122 आत्महत्याएं और 1,166 ड्रॉपआउट दर्ज किए गए। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करेगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed