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Faridabad News: राष्ट्रीय लोक अदालत में 68 हजार मामलों का हुआ निपटान
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सेक्टर-12 स्थित जिला अदालत परिसर में किया गय आयोजन
संवाद न्यूज एजेंसी
फरीदाबाद। सेक्टर-12 स्थित जिला अदालत परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। 18 बैंच पर एक लाख से अधिक मामलों के निपटान का लक्ष्य रखा गया था लेकिन एक दिन में 68 हजार 530 मामलों का निपटारा किया गया। जिसमें 50 हजार से अधिक वाहनों के चालान का निपटान किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु यादव ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ लिसा गिल के दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में 18 बेंच लगाए गए।
अदालत में 1 लाख 4 हजार 626 केस रखे गए। जिनमें से कुल 68 हजार 530 केसों का निपटारा किया गया। अदालत में वाहन दुर्घटना के 49, छोटे-मोटे आपराधिक मामलों के 9065, चेक बाउंस के 424, बिजली से संबंधित 700, समरी चालान 50989, वैवाहिक संबंधित 79, दीवानी के 2267, बैंक रिकवरी के 1694, रेवेन्यू के 3210, लेबर डिस्प्यूट के 12, पानी से संबंधित 41 केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया। सभी व्यक्ति अपने अपने केस के फैसले से संतुष्ट नजर आए। न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत में फैसला होने पर सुप्रीम कोर्ट तक में भी कोई अपील नहीं होती है। कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा मामले का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में पुरुषोत्तम कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, राजेश कुमार यादव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, ज्योति लंबा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, विनीत सपरा अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, उपेंद्र सिंह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सहित अन्य मौजूद रहे।
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राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिवक्ताओं में बहिष्कार किया
शनिवार को लगी राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिवक्ताओं में बहिष्कार किया । उनका कहना था जब भी लोक अदालत लगाई जाती है, तो देखा गया है कि जो फायदा लोक अदालत लगने से जनता को होना चाहिए वह उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। मनमाने तरीके से सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। फरीदाबाद में आए दिन हजारों की संख्या में ट्रैफिक के चालान काटे जाते हैं। जिनमें कुछ नाजायज तरीके से भी चालान पुलिस की ओर से किए जाते हैं और जनता का शोषण होता है। हर आम नागरिक अदालत से उम्मीद रखता है। उसको न्याय मिलेगा और लोक अदालत में कम जुर्माना भरकर चालान से मुक्ति मिलेगी, परंतु फरीदाबाद में लगने वाली लोक अदालत से जनता को कोई राहत नहीं मिल रही और रूटीन की तरह ही कार्य किए जाते हैं। तो ऐसी अदालत लगाने का फायदा नहीं है।
जिला बार एसोसिएशन की ओर से देर रात सोशल मीडिया पर मैसेज शेयर किया गया। जिसमें लिखा था कि लोक अदालत का जिला बार एसोसिएशन बहिष्कार करता है। इसको लेकर शनिवार को जब राष्ट्रीय लोक अदालत शुरू हुई तो अधिवक्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान अदालत में परिसर में सुबह के समय अफरातफरी का माहौल रहा। चालान व अन्य मामलों के निपटान के लिए आए लोग परेशान दिखे। जिसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु यादव और जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद दोपहर को 12 बजे विरोध बंद कर दिया गया।

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संवाद न्यूज एजेंसी
फरीदाबाद। सेक्टर-12 स्थित जिला अदालत परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। 18 बैंच पर एक लाख से अधिक मामलों के निपटान का लक्ष्य रखा गया था लेकिन एक दिन में 68 हजार 530 मामलों का निपटारा किया गया। जिसमें 50 हजार से अधिक वाहनों के चालान का निपटान किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु यादव ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ लिसा गिल के दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में 18 बेंच लगाए गए।
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अदालत में 1 लाख 4 हजार 626 केस रखे गए। जिनमें से कुल 68 हजार 530 केसों का निपटारा किया गया। अदालत में वाहन दुर्घटना के 49, छोटे-मोटे आपराधिक मामलों के 9065, चेक बाउंस के 424, बिजली से संबंधित 700, समरी चालान 50989, वैवाहिक संबंधित 79, दीवानी के 2267, बैंक रिकवरी के 1694, रेवेन्यू के 3210, लेबर डिस्प्यूट के 12, पानी से संबंधित 41 केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया। सभी व्यक्ति अपने अपने केस के फैसले से संतुष्ट नजर आए। न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत में फैसला होने पर सुप्रीम कोर्ट तक में भी कोई अपील नहीं होती है। कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा मामले का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में पुरुषोत्तम कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, राजेश कुमार यादव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, ज्योति लंबा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, विनीत सपरा अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, उपेंद्र सिंह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सहित अन्य मौजूद रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिवक्ताओं में बहिष्कार किया
शनिवार को लगी राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिवक्ताओं में बहिष्कार किया । उनका कहना था जब भी लोक अदालत लगाई जाती है, तो देखा गया है कि जो फायदा लोक अदालत लगने से जनता को होना चाहिए वह उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। मनमाने तरीके से सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। फरीदाबाद में आए दिन हजारों की संख्या में ट्रैफिक के चालान काटे जाते हैं। जिनमें कुछ नाजायज तरीके से भी चालान पुलिस की ओर से किए जाते हैं और जनता का शोषण होता है। हर आम नागरिक अदालत से उम्मीद रखता है। उसको न्याय मिलेगा और लोक अदालत में कम जुर्माना भरकर चालान से मुक्ति मिलेगी, परंतु फरीदाबाद में लगने वाली लोक अदालत से जनता को कोई राहत नहीं मिल रही और रूटीन की तरह ही कार्य किए जाते हैं। तो ऐसी अदालत लगाने का फायदा नहीं है।
जिला बार एसोसिएशन की ओर से देर रात सोशल मीडिया पर मैसेज शेयर किया गया। जिसमें लिखा था कि लोक अदालत का जिला बार एसोसिएशन बहिष्कार करता है। इसको लेकर शनिवार को जब राष्ट्रीय लोक अदालत शुरू हुई तो अधिवक्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान अदालत में परिसर में सुबह के समय अफरातफरी का माहौल रहा। चालान व अन्य मामलों के निपटान के लिए आए लोग परेशान दिखे। जिसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितु यादव और जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद दोपहर को 12 बजे विरोध बंद कर दिया गया।