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Faridabad News: एक साल में 40 प्रतिशत प्रदूषण होगा कम
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निगम ने तैयार किया रोडमैप, हर माह तैयार होगी वर्क रिपोर्ट
दिल्ली-एनसीआर में फरीदाबाद नगर निगम के प्रदूषण नियंत्रण मॉडल को मिली राष्ट्रीय सराहना
अमर उजाला ब्यूरो
फरीदाबाद। दिल्ली-एनसीआर में लगातार गंभीर होते वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार जमीनी कार्रवाई पर सख्त निगरानी की रणनीति अपना रही है। इसी दिशा में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में एनसीआर के शहरों द्वारा अपनाए जा रहे प्रदूषण नियंत्रण उपायों की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में फरीदाबाद नगर निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सरहाना की गई। वहीं निगम की तरफ से साल में 40 प्रतिशत तक प्रदूषण कम करने का रोडमैप पेश किया गया। इस रोडमैप के कार्य की रिपोर्ट हर माह पेश की जाएगी। बैठक में भाग लेते हुए फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार किए गए आगामी वर्ष के एक्शन प्लान को प्रस्तुत किया। इस दौरान निगम द्वारा संचालित पॉटहोल रिपेयर एंड मेंटेनेंस वैन को वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक प्रभावी उपकरण बताया गया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस पहल को रोल मॉडल करार देते हुए कहा कि सड़क पर गड्ढों की समय रहते मरम्मत से उड़ने वाली धूल को रोका जा सकता है, जो वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएम-10 और पीएम-2.5 के बढ़ते स्तर के पीछे सड़कों की खराब स्थिति, बार-बार खुदाई और खुले गड्ढों से उड़ने वाली धूल एक अहम कारण है। ऐसे में फरीदाबाद नगर निगम की पॉटहोल रिपेयर वैन जैसी पहल अन्य नगर निगमों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है। उन्होंने दिल्ली सहित एनसीआर के अन्य शहरों में भी इस मॉडल को अपनाने की सिफारिश की। नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बैठक में जानकारी दी कि फरीदाबाद में सड़क गड्ढों की पहचान, मरम्मत और रखरखाव के लिए अलग से समर्पित वैन तैनात की गई है, जो शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचकर तत्काल मरम्मत सुनिश्चित करती है। इससे न केवल सड़कें लंबे समय तक खुली रहने से बचती हैं, बल्कि धूल के गुबार को भी समय रहते नियंत्रित किया जा रहा है।
पौधरोपण से प्रदूषण कम करने की तैयारी
बैठक में धूल प्रदूषण नियंत्रण को लेकर नगर निगम द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों की भी सराहना की गई। इनमें कच्ची सड़कों का एंड-टू-एंड पक्काकरण और टाइलिंग, सड़कों के किनारे एवं खाली पड़ी भूमि पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण तथा नागरिकों को पौधा वितरण जैसे कदम शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन उपायों से खुले स्थानों से उड़ने वाली धूल में उल्लेखनीय कमी देखी जा रही है। इसके साथ ही फरीदाबाद नगर निगम द्वारा उपयोग में लाई जा रही मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, एंटी-स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंकलर की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रमुख सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में नियमित रूप से सड़क सफाई और पानी का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि हवा में मौजूद धूल कणों को नीचे बैठाया जा सके।
लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
समीक्षा बैठक में एक अहम निर्णय यह भी लिया गया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की मासिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। हर महीने यह आकलन किया जाएगा कि जमीन पर कितना काम हुआ और वायु गुणवत्ता पर उसका क्या प्रभाव पड़ा। नगर निगम फरीदाबाद की ओर से बैठक में यह आश्वासन भी दिया गया कि आने वाले समय में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी उपायों को और अधिक सख्ती तथा निरंतरता के साथ लागू किया जाएगा। निगम ने एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि यदि सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ, तो एक वर्ष के भीतर शहर में वायु प्रदूषण स्तर को लगभग 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने भी स्पष्ट संकेत दिए कि वायु प्रदूषण से निपटने में अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो शहर बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें मॉडल के रूप में आगे लाया जाएगा।
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दिल्ली-एनसीआर में फरीदाबाद नगर निगम के प्रदूषण नियंत्रण मॉडल को मिली राष्ट्रीय सराहना
अमर उजाला ब्यूरो
फरीदाबाद। दिल्ली-एनसीआर में लगातार गंभीर होते वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार जमीनी कार्रवाई पर सख्त निगरानी की रणनीति अपना रही है। इसी दिशा में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में एनसीआर के शहरों द्वारा अपनाए जा रहे प्रदूषण नियंत्रण उपायों की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में फरीदाबाद नगर निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सरहाना की गई। वहीं निगम की तरफ से साल में 40 प्रतिशत तक प्रदूषण कम करने का रोडमैप पेश किया गया। इस रोडमैप के कार्य की रिपोर्ट हर माह पेश की जाएगी। बैठक में भाग लेते हुए फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार किए गए आगामी वर्ष के एक्शन प्लान को प्रस्तुत किया। इस दौरान निगम द्वारा संचालित पॉटहोल रिपेयर एंड मेंटेनेंस वैन को वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक प्रभावी उपकरण बताया गया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस पहल को रोल मॉडल करार देते हुए कहा कि सड़क पर गड्ढों की समय रहते मरम्मत से उड़ने वाली धूल को रोका जा सकता है, जो वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है।
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केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएम-10 और पीएम-2.5 के बढ़ते स्तर के पीछे सड़कों की खराब स्थिति, बार-बार खुदाई और खुले गड्ढों से उड़ने वाली धूल एक अहम कारण है। ऐसे में फरीदाबाद नगर निगम की पॉटहोल रिपेयर वैन जैसी पहल अन्य नगर निगमों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है। उन्होंने दिल्ली सहित एनसीआर के अन्य शहरों में भी इस मॉडल को अपनाने की सिफारिश की। नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बैठक में जानकारी दी कि फरीदाबाद में सड़क गड्ढों की पहचान, मरम्मत और रखरखाव के लिए अलग से समर्पित वैन तैनात की गई है, जो शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचकर तत्काल मरम्मत सुनिश्चित करती है। इससे न केवल सड़कें लंबे समय तक खुली रहने से बचती हैं, बल्कि धूल के गुबार को भी समय रहते नियंत्रित किया जा रहा है।
पौधरोपण से प्रदूषण कम करने की तैयारी
बैठक में धूल प्रदूषण नियंत्रण को लेकर नगर निगम द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों की भी सराहना की गई। इनमें कच्ची सड़कों का एंड-टू-एंड पक्काकरण और टाइलिंग, सड़कों के किनारे एवं खाली पड़ी भूमि पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण तथा नागरिकों को पौधा वितरण जैसे कदम शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन उपायों से खुले स्थानों से उड़ने वाली धूल में उल्लेखनीय कमी देखी जा रही है। इसके साथ ही फरीदाबाद नगर निगम द्वारा उपयोग में लाई जा रही मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, एंटी-स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंकलर की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रमुख सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में नियमित रूप से सड़क सफाई और पानी का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि हवा में मौजूद धूल कणों को नीचे बैठाया जा सके।
लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
समीक्षा बैठक में एक अहम निर्णय यह भी लिया गया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की मासिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। हर महीने यह आकलन किया जाएगा कि जमीन पर कितना काम हुआ और वायु गुणवत्ता पर उसका क्या प्रभाव पड़ा। नगर निगम फरीदाबाद की ओर से बैठक में यह आश्वासन भी दिया गया कि आने वाले समय में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी उपायों को और अधिक सख्ती तथा निरंतरता के साथ लागू किया जाएगा। निगम ने एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि यदि सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ, तो एक वर्ष के भीतर शहर में वायु प्रदूषण स्तर को लगभग 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने भी स्पष्ट संकेत दिए कि वायु प्रदूषण से निपटने में अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो शहर बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें मॉडल के रूप में आगे लाया जाएगा।