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किसान आंदोलन: पंजाब के 32 किसान संगठनों की होगी बैठक, संयुक्त किसान मोर्चा चार दिसंबर को लेगा फैसला

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: पूजा त्रिपाठी Updated Wed, 01 Dec 2021 11:13 AM IST
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सार

किसान नेताओं को अब आंदोलन खत्म करने को लेकर फैसला लेना है कि अब यह आंदोलन खत्म होगा या आगे भी चलता रहेगा।

Farmers protest meeting scheduled at singhu border today canceled next on 4 december know what rakesh tikait and others has to say
फाइल फोटो - फोटो : Agency

विस्तार
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किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति तय करने के लिए पंजाब के 32 जत्थेबंदियों की बुधवार को बैठक बुलाई गई है। सिंघु बॉर्डर पर अब संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चार मार्च होगी जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

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किसान नेता डॉ. दर्शनपाल सिंह ने कहा कि, आज 32 किसान संगठन और वे लोग जो सरकार के साथ बातचीत के लिए जाते थे, उनकी बैठक बुलाई गई है। गलती से घोषणा हो गई कि संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है। हमारे लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों, एमएसपी की कमेटी के मुद्दे पर चर्चा होगी।
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, 50-55 हजार मुकदमे जो आंदोलन के दौरान दर्ज हुए हैं वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी कानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं। अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं। सरकार को बातचीत करनी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चार तारीख को है और आज सिर्फ 32 किसान संगठनों की बैठक है।

32 जत्थेबंदियों की दो टूक, अधूरी मांगों के साथ नहीं जाना चाहते वापस
पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने वापसी की तैयारी की खबरों को सिरे से नकार दिया है। लगातार दूसरे दिन कुंडली बॉर्डर पर बैठक कर जत्थेबंदियों ने साफ किया है कि वह घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन अधूरी मांगों के साथ नहीं जाएंगे। साथ ही कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति के बिना यहां से कोई नहीं जाएगा। जत्थेबंदियों ने सरकार को साफ तौर कहा है कि यदि सरकार उनके पत्र में सौंपी गई बाकी मांगों पर आज घोषणा कर देगी तो वह कल ही यहां से चले जाएंगे, लेकिन यदि मांगें पूरी नहीं की गई तो वह यहीं डटे रहेंगे। वहीं, बुधवार को कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 41 सदस्य जुटकर बैठक में आगामी रणनीति बनाएंगे।

सोमवार को जत्थेबंदियों की बैठक के बाद से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि चूंकि संसद में कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया है तो पंजाब की जत्थेबंदियां वापसी की तैयारी में हैं। ऐसे में सभी 32 जत्थेबंदियों ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार को अचानक बैठक बुलाई।

बैठक में के बाद जत्थेबंदियों के प्रमुख अवतार सिंह, मंजीत राय ने साफ किया कि मांगें पूरी होने से पहले वे कहीं नहीं जा रहे। वापसी की तैयारियों की अफवाह एक षड्यंत्र के तहत फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि वह घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन अधूरी मांगों के साथ नहीं जाएंगे।

सरकार को सभी 6 मांगों को मानना होगा और इन्हें पूरा करने की घोषणा करनी होगी। इसके बाद ही वह आंदोलन वापस लेने के बारे में विचार करेंगे। जत्थेबंदियों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक 4 दिसंबर को जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सरकार के अगले कदम के बाद संयुक्त मोर्चा जो निर्णय लेगा, उसी के अनुसार कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा, दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिन्हें शीघ्र वापस लेना होगा।

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