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UP: नहर की पटरी कटने 200 बीघा फसल जलमग्न, खेतों में तीन फीट पानी; 24 किसानों का लाखों का नुकसान

संवाद न्यूज एजेंसी, अनूपशहर Published by: अनुज कुमार Updated Wed, 03 Dec 2025 03:32 PM IST
सार

उत्तर प्रदेश के अनूपशहर में एक गांव में नहर की पटरी कट गई। जिसकी वजह से किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि नहर की पटरी कटने से 200 बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है। 

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over 200 acres of crops submerged due to breach in canal embankment village of Mau
200 बीघा फसल जलमग्न - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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क्षेत्र के गांव मऊ में नहर की पटरी कटने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। इस घटना से आसपास के 24 से अधिक किसानों की 200 बीघा से अधिक फसलें जलमग्न हो गई हैं। खेतों में 3 फीट पानी देख किसान चिंतित हैं और उनका कहना है कि उनका 20 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।

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सिंचाई विभाग अलीगढ़ के जेई विनोद कुमार ने बताया कि सिहालरी गांव पर नहर की पटरी कटी थी, जिसके बाद ओवरफ्लो पानी को अनूपशहर ब्रांच की मक्खेना नहर के एस्केप में छोड़ा गया था। उन्होंने बताया कि गांव मऊ के निकट पटरी कटने की सूचना मिली है और विभाग के ठेकेदार को जेसीबी के साथ मरम्मत कार्य के लिए भेजा गया है। दो माह पहले भी इसी स्थान पर मरम्मत कराई गई थी। अब पानी को पीछे से रोक दिया गया है और मौजूदा पानी को गंगा में भेजा जा रहा है। 
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वहीं, किसानों का आरोप है कि नहर की सफाई किए बिना ही पानी छोड़ दिया गया था, जिसके कारण यह घटना हुई। खेतों में लगभग आधे किलोमीटर तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है और कई जगहों पर तीन-तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। किसान रामबाबू ने बताया कि क्षेत्र के 24 से अधिक किसानों ने अपनी और कुछ ने लगान पर भूमि लेकर गेहूं और सरसों की खेती की थी। विभाग की लापरवाही से नहर की पटरी कटने के कारण किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। 

उन्होंने बताया कि एक बीघा भूमि में गेहूं और सरसों की खेती पर करीब 10 से 15 हजार रुपये का खर्च आता है। किसानों ने प्रशासन और सिंचाई विभाग से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कराकर आर्थिक सहायता प्रदान करने की गुहार लगाई है। कई किसानों ने ब्याज पर पैसा लेकर खेती की थी, जिनके सामने अब गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सिंचाई विभाग के ठेकेदार गजेंद्रसिंह ने बताया युद्ध स्तर पर काम कर कटी पटरी की मरम्मत कर दी गई है। जिससे खेतों में पानी का जाना बंद हो गया है।

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