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Ghaziabad News: एओए अध्यक्ष का पद बखूबी संभाल रहीं महिलाएं

Ghaziabad Bureau गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Fri, 09 May 2025 12:45 AM IST
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Women are handling the post of AOA President very well
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गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की दो सोसायटियों में महिलाओं ने अपार्टमेंट ऑफ फ्लैट ऑनर एसोसिएशन (एओए) में अध्यक्ष पद संभाल रखा है। इन्होंने कई नियम बदले हैं और बेहतर काम कर रही हैं। स्टार रामेश्वरम सोसायटी में जहां सभी शीर्ष पदों पर महिलाएं चुनी गई हैं, वहीं बाल मुकुंद सोसायटी में मुस्लिम महिला को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। दोनों ही सोसायटियों में इन्होंने कई नियम बदले हैं।
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इस बार स्टार रामेश्वरम सोसायटी में चित्रा सिंह को अध्यक्ष, रश्मि चौहान संयुक्त सचिव, चिंकी शर्मा को कोषाध्यक्ष और कीर्ति श्रीवास्वत सदस्य के पद पर हैं। इस संबंध में एओए अध्यक्ष चित्रा सिंह ने बताया कि कार्यकारिणी में कुल 10 लोग होते हैं, जिसमें से चार पदों पर महिलाएं चुनी गई हैं। उनका कहना है कि महिलाओं में काफी धैर्य होता है, वह सबकी बात अच्छी तरह सुनती हैं। इसलिए समस्याएं भी अधिक हल कर पाती हैं। हम चारों गृहणी हैं तो पूरा समय एसोसिएशन को देते हैं। हमसे महिलाएं अपनी बात खुलकर कह पाती हैं। इससे समस्या का समाधान भी आसानी से होता है। हमने साफ-सफाई पर अधिक ध्यान दिया है। बिजली, पानी और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर अधिक ध्यान दिया जाता है। बात सुनकर तत्काल हल किया जाता है। सबसे बड़ी बात सभी आपकी बात मानते हैं, यह काफी अच्छा लगता है। यहां हर घरेलू सहायिका को हर महीने दो सैनेटरी पैड का वितरण किया जाता है। कुत्तों को घूमाने और खाना खिलाने के लिए कई नियम बनाए गए हैं, जिसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। यहां 550 फ्लैट हैं, जिनमें 1500 लोग रहते हैं।
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शबनम खान ने बनाए सख्त नियम
बाल मुकुंद सोसायटी की एओएस अध्यक्ष शबनम खान पेेशे से वकील हैं। इस बार एसोसिएशन ने उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुना है। उनका कहना है कि हमारी सोसायटी में पहली बार कोई महिला इस पर पद पर चुनी गई है, वो भी मुस्लिम। शबनम बार एसोसिएशन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं। उनका कहना है कि सोसायटियों में बहुत समस्याएं हैं। किसी महिला के अध्यक्ष पद पर होने से महिलाएं अपनी बात ज्यादा आसानी और खुलकर कह पाती हैं। इससे उनकी समस्या हल करने में आसानी होती है। सबसे बड़ी बात सुरक्षा पर महिलाएं विशेष जोर देती हैं।
ये बनाए नियम
1-सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने बूम एरिया बनाकर उसमें बैरियर लगवाए।
2- कुत्ता काटने पर मालिक को इलाज से लेकर केस तक का सारा खर्च वहन करना होगा। जरूरत पड़ने पर पीड़ित की ओर से एओए केस लड़ेगी।
3-बिना एओए की अनुमति लिए किराएदार कुत्ता नहीं रख सकते।
4- सोसायटी में फीडिंग सेंटर नहीं बनाया जाएगा, क्योंकि इससे समस्याएं और बढ़ती हैं। कुत्ते को लेकर आए दिन विवाद होता है।
5- जिस निवासी को कुत्तों को खाना खिलाना हो, वह सोसायटी से 500 मीटर दूर बाएं और 500 मीटर दूर दाएं जाकर ही भोजन खिला सकता है। उनका कहना है कि कुत्ता प्रेमी खाना खिलाने लगते हैं और जब उन्हें नहीं मिलता तो कुत्ते उत्तेजित होकर काटने लगते हैं, इसलिए ऐसा नियम बनाया गया है कि सोसायटी के बाहर खाना खिलाएं।
6-सुरक्षा को लेकर अन्य कई नियम बनाए गए हैं, जिन्हें हर कोई मान रहा है। काफी अच्छा लग रहा है।
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