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Gurugram News: साइबर ठगी में लापरवाही बरतने पर बैंक को ही करनी होगी नुकसान की भरपाई
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डिजिटल अरेस्ट पीड़ित बनकर साइबर अपराध थाना पहुंचे डीजीपी
डीजीपी ने किया साइबर थाने का औचक निरीक्षण, साइबर अपराधों से बचाव, पीड़ित सहायता और जन-जागरूकता पर दिए दिशा-निर्देश
अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने सोमवार को साइबर अपराध थाना पूर्व का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वे डिजिटल अरेस्ट मामले में पीड़ित के रूप में थाने पहुंचे थे। ताकि आम नागरिक को मिलने वाली वास्तविक प्रक्रिया, व्यवहार व सहायता की गुणवत्ता का जमीनी स्तर पर आकलन किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि छोटी राशियों के फ्रीज होने पर पीड़ितों को आर्थिक राहत तेजी से उपलब्ध करवाने के लिए पुलिस लोक अदालत की मदद लेगी, ताकि उन्हें बिना देरी रकम की वापसी मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि किसी साइबर ठगी में बैंक की ओर से लापरवाही सामने आती है, तो पीड़ित को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का दायित्व बैंक पर रहेगा। यह पीड़ितों के अधिकारों की एक महत्वपूर्ण सुरक्षा है।
जब पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह साइबर थाना के गेट पर पहुंचे तो वहां तैनात सिपाही ने उनको नहीं पहचाना। जब उन्होंने पीड़ित के रूप में सिपाही से मुकदमा दर्ज के कराने बारे में पूछा तो सिपाही ने बताया कि ड्यूटी ऑफिसर द्वितीय तल पर कमरा नंबर-24 में हैं। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने साइबर थाना की कार्यप्रणाली, पीड़ित सहायता व्यवस्था, रिस्पॉन्स सिस्टम और जागरूकता तंत्र की गहन समीक्षा की। डीजीपी ने कहा कि एक फीडबैक आया है कि लोक अदालत में चालान का रिकॉर्ड महीनों-महीनों नहीं पहुंचता है। ऐसे में उन्होंने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को इसका निदान कराने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, साइबर के आईजी को हर सप्ताह कम से कम एक साइबर थाने में निरीक्षण करने के लिए कहा है ताकि साइबर अपराध के शिकार लोगों की समस्याओं की पहचान करके निदान कराया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि स्कूल-कॉलेजों में साइबर जागरूकता एंबेसडर तैयार किए जाएंगे। साथ ही ठगी होने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत करने की सलाह दी।
साइबर अपराध पर लगातार सख्त कार्रवाई
हरियाणा पुलिस साइबर अपराधों से निपटने के लिए मिशन मोड में लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। पीड़ितों को न्याय, थानों की तकनीकी क्षमता को मजबूती और पूरे प्रदेश में डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहेंगे। -ओपी सिंह,पुलिस महानिदेशक
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अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने सोमवार को साइबर अपराध थाना पूर्व का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वे डिजिटल अरेस्ट मामले में पीड़ित के रूप में थाने पहुंचे थे। ताकि आम नागरिक को मिलने वाली वास्तविक प्रक्रिया, व्यवहार व सहायता की गुणवत्ता का जमीनी स्तर पर आकलन किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि छोटी राशियों के फ्रीज होने पर पीड़ितों को आर्थिक राहत तेजी से उपलब्ध करवाने के लिए पुलिस लोक अदालत की मदद लेगी, ताकि उन्हें बिना देरी रकम की वापसी मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि किसी साइबर ठगी में बैंक की ओर से लापरवाही सामने आती है, तो पीड़ित को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई का दायित्व बैंक पर रहेगा। यह पीड़ितों के अधिकारों की एक महत्वपूर्ण सुरक्षा है।
जब पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह साइबर थाना के गेट पर पहुंचे तो वहां तैनात सिपाही ने उनको नहीं पहचाना। जब उन्होंने पीड़ित के रूप में सिपाही से मुकदमा दर्ज के कराने बारे में पूछा तो सिपाही ने बताया कि ड्यूटी ऑफिसर द्वितीय तल पर कमरा नंबर-24 में हैं। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने साइबर थाना की कार्यप्रणाली, पीड़ित सहायता व्यवस्था, रिस्पॉन्स सिस्टम और जागरूकता तंत्र की गहन समीक्षा की। डीजीपी ने कहा कि एक फीडबैक आया है कि लोक अदालत में चालान का रिकॉर्ड महीनों-महीनों नहीं पहुंचता है। ऐसे में उन्होंने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को इसका निदान कराने के निर्देश दिए हैं।
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वहीं, साइबर के आईजी को हर सप्ताह कम से कम एक साइबर थाने में निरीक्षण करने के लिए कहा है ताकि साइबर अपराध के शिकार लोगों की समस्याओं की पहचान करके निदान कराया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि स्कूल-कॉलेजों में साइबर जागरूकता एंबेसडर तैयार किए जाएंगे। साथ ही ठगी होने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत करने की सलाह दी।
साइबर अपराध पर लगातार सख्त कार्रवाई
हरियाणा पुलिस साइबर अपराधों से निपटने के लिए मिशन मोड में लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। पीड़ितों को न्याय, थानों की तकनीकी क्षमता को मजबूती और पूरे प्रदेश में डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहेंगे। -ओपी सिंह,पुलिस महानिदेशक