कहानी मेवात के अपराध की: पहले टटलू फिर OLX, अश्लील वीडियो से ब्लैकमेल और अब साइबर ठगी; जानें कैसे बनाते शिकार
मेवात एक मुस्लिम बहुल इलाका है, जो हरियाणा के पलवल, नूंह जिला, राजस्थान के अलवर, भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले तक फैला है।

विस्तार
साइबर ठगी के मामले में जब पहली बार झारखंड के जामताड़ा का नाम आया तो यह अपनी तरह का पहला मामला था। मेवात के नूंह में भी धीरे-धीरे एक जामताड़ा बन रहा था। इसकी शुरुआत यहां दो दशक पहले नकली सोने की ईंटों को दिखाकर की जाने वाली ठगी टटलू से हुई थी। इसके बाद ठगों ने ओएलएक्स के जरिए ठगी करना शुरू किया। यहां से यह लोग अश्लील वीडियो से ब्लैकमेल करने लगे। शिकंजा कसा तो इन्होंने साइबर ठगी करनी शुरू कर दी।

पुलिस के मुताबिक करीब दो दशक पहले मेवात के युवा दूरदराज के लोगों को नकली सोने की ईंट को असली बताकर ठगने का काम शुरू किया था। इस धंधे को आज भी टटलू के नाम से जाना जाता है। नकली सोने की ईंट को मालदार लोगों को बेचकर यह कहकर ठगते थे कि वह मकान बनाने के लिए नींव खोद रहे थे ये ईंट उसमें मिली है। वह गरीब आदमी है बाजार में इसे बेच नहीं सकते। सोने की नकली ईंट को सस्ते में मिलने के कारण लोग ठगी में आ जाते थे।
इस तरह की ठगी की घटनाएं जब ज्यादा होने लगीं तो लोग जागरूक हो गए। इन ठगों के चंगुल में कम फंसने लगे। टटलू गिरोह के खिलाफ हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने प्रवेश द्वारों पर बोर्ड लगाए। इन पर नकली सोने की ईंट खरीदने बेचने वालों से सावधान रहने के लिए चेतावनी लिखी होती थी। जब टटलू का धंधा ज्यादा बदनाम हो गया तो यहां के लोगों ने ओएलएक्स पर ठगी का धंधा शुरू कर दिया।
ये ठग ओएलएक्स पर किसी वाहन का फोटो डालकर सस्ते में बेचने का झांसा देते और अपने आप को फौजी या कोई बड़ा अधिकारी बताते। पहले खाते में कुछ पैसे डलवाए जाते, जिससे सौदा पक्का हो जाए। उसके बाद पीड़ित को मेवात बुलाकर उसके सारे पैसे, घड़ी, आभूषण, एटीएम आदि छीनकर उसे मारपीट कर भगा देते।
इस तरह की ठगी का शिकार होने वाले मात्र 10 फीसदी ही पुलिस को शिकायत कर पाते थे। जब राजस्थान और मेवात की पुलिस ने ओएलएक्स की पर ठगी करने वालों पर शिकंजा कसा तो यह साइबर ठग अश्लील वीडियो बना कर लोगों को ठगने लगे। अश्लील वीडियो के डर से सभ्य आदमी इसमें फंसने लगा। जब इस पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा तो यह लोग साइबर ठगी में उतर आए।
शिक्षा और रोजगार की है बुरी दशा
मेवात एक मुस्लिम बहुल इलाका है, जो हरियाणा के पलवल, नूंह जिला, राजस्थान के अलवर, भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले तक फैला है। इसकी करीब 70 लाख की आबादी है। यहां पर शिक्षा अभाव है और रोजगार के अवसर बेहद कम हैं। यही वजह है कि युवा ठगी जैसे अपराध की ओर आसानी से मुड़ जाते हैं।