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एनारॉक की रिपोर्ट में दावा: नोएडा और ग्रेनो में घर खरीदारों के 1.18 लाख करोड़ रुपये फंसे, 8 साल में 1.65 लाख मकानों का नहीं मिल पाया कब्जा
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Mon, 27 Jun 2022 05:40 AM IST
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सार
प्रॉपर्टी सलाहकार फर्म एनारॉक की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों के 1.18 लाख करोड़ रुपये विभिन्न बिल्डरों की परियोजनाओं में फंसे हैं। वहीं, बिल्डर 1.65 लाख मकानों को तैयार कर अभी तक नहीं दे पाए हैं।

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विस्तार
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों को बड़ा झटका लगा है। इनके 1.18 लाख करोड़ रुपये विभिन्न बिल्डरों की परियोजनाओं में फंसे हैं। 1.65 लाख मकानों को अभी तक बिल्डर नहीं दे पाए हैं। इन मकानों में देरी हो रही है। प्रॉपर्टी सलाहकार फर्म एनारॉक ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इसने कहा कि इसमें केवल वे प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं जो 2014 में या उससे पहले लॉन्च किए गए थे। इसने कहा है कि सात बड़े शहरों में यही हाल है।
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इसने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 2.40 लाख मकान अटके हैं। इनका कुल मूल्य 1.81 लाख करोड़ रुपये है। अटके हुए प्रोजेक्ट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा का हिस्सा 70 फीसदी है, जबकि गुरुग्राम का केवल 13 फीसदी है। गुरुग्राम में 30,733 मकान अटके हैं और इनकी कीमत 44,455 करोड़ रुपये है। गाजियाबाद में 22,128 मकान रुके हैं जिनकी कीमत 9,254 करोड़ रुपये आंकी गई है।
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फरीदाबाद और भिवाड़ी में भी फंसे ग्राहक
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, फरीदाबाद धौरहरा और भिवाड़ी में कुल 22,401 मकान नहीं बन पाए हैं। इनकी कीमत 9,124 करोड़ रुपये है। इसके अनुसार इस सेक्टर के लिए बनाए गए कानून रेरा का भी बहुत ही मामूली असर हुआ है। ग्रेटर नोएडा में अचानक रियल एस्टेट की गतिविधियों में उछाल यमुुना एक्सप्रेसवे के कारण आया। बिल्डरों ने इसका फायदा उठाया और आनन-फानन में ढेर सारी परियोजनाएं लॉन्च कर दीं। पर बाद में पैसों की कमी की वजह से यह सभी अटक गईं।
यूनिटेक, आम्रपाली व जेपी के ज्यादा प्रोजेक्ट
दिल्ली और एनसीआर में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट जेपी इंफ्रा, यूनिटेक और आम्रपाली के अटके हैं। कई सारे डिफॉल्ट किए गए बिल्डरों के खिलाफ ग्राहकों ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में मामला दर्ज कराया है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर आम्रपाली के नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रोजेक्ट को सरकारी कंपनी एनबीसीसी पूरा कर रही है। इसकी विभिन्न परियोजनाओं में 40 हजार मकान फंसे पड़े हैं।