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नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़: तीन आरोपी गिरफ्तार, ठगों के निशाने पर थे बेरोजगार... ऐसे लगाते थे चूना

अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा Published by: आकाश दुबे Updated Tue, 25 Nov 2025 05:42 PM IST
सार

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान विशाल राघव पुत्र प्रवेन्द्र सिंह राघव (26), आमिर उस्मानी पुत्र एहसानुल्लाह (52) और वरुण कुमार पुत्र रमेश मलिक (27) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से छह स्मार्टफोन, एक कीपैड वाला मोबाइल, चार डेबिट कार्ड, तीन सिमकार्ड, एक पासबुक आदि सामान बरामद हुआ है।

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Fake call center busted in Noida Three accused arrested
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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थाना फेस-1 पुलिस ने एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर रैकेट का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का हिस्सा थे। पुलिस ने इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, बैंक किट, फर्जी जॉइनिंग लेटर और अन्य चीजें बरामद की हैं। इस संबंध में थाना फेस-1 नोएडा, गौतमबुद्धनगर में संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

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पुलिस ने मैनुअल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर 44ए सेक्टर-16 नोएडा से तीन अभियुक्तों को पकड़ा है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान विशाल राघव पुत्र प्रवेन्द्र सिंह राघव (26), आमिर उस्मानी पुत्र एहसानुल्लाह (52) और वरुण कुमार पुत्र रमेश मलिक (27) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से छह स्मार्टफोन, एक कीपैड वाला मोबाइल, चार डेबिट कार्ड, तीन सिमकार्ड, एक पासबुक, एक फिनो काम्बो बैंक किट, चार कंपनी के फर्जी जॉइनिंग लेटर, तीन स्टांप मोहर, दो खाली लिफाफा सिमकार्ड, एक चेक बुक बरामद की है।

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ऐसे ठगी को देते थे अंजाम
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वे एक बड़े गिरोह का हिस्सा हैं, जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का लालच देकर ठगी करता था। अभियुक्त विशाल राघव अपने साथियों आमिर उस्मानी और वरुण कुमार के साथ मिलकर बैंक खातों, डेबिट कार्ड, चेक बुक और प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड की खरीद-फरोख्त करता था। विशाल राघव इन बैंक खातों की जानकारी फर्जी कॉल सेंटर के मालिकों, अनुज कुमार और रोमेश को देता था।

अनुज और रोमेश बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर पंजीकरण और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में पैसे ऐंठते थे। विशाल इन खातों से नकद राशि निकालता और अपना कमीशन काटकर बाकी रकम अनुज और रोमेश को दे देता था। इस तरह, यह नेटवर्क फर्जी बैंक खातों और सिम कार्ड का उपयोग करके ठगी की गई राशि को घुमाता था। अभियुक्त वरुण कुमार एक स्वतंत्र कॉल सेंटर भी संचालित करता था, जिसके माध्यम से वह सीधे बेरोजगारों से ठगी करता था। इस मामले में मुख्य सरगना अनुज और रोमेश पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

इस संबंध में थाना फेस-1 नोएडा, गौतमबुद्धनगर में मु0अ0सं0- 495/2025 के तहत धारा 319(2)/318(4)/338/336(3)/61(2) बीएनएस एवं 66 डी आईटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पुलिस ने कुल 06 स्मार्ट मोबाइल फोन, 01 कीपैड मोबाइल फोन, 04 डेबिट कार्ड, 03 सिमकार्ड, 01 पासबुक, 01 फिनो काम्बो बैंक किट, 01 चेक बुक, 04 कंपनी के फर्जी जॉइनिंग लेटर और 03 स्टांप मोहर बरामद की हैं।

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