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लिफ्ट में फंसी जिंदगियां: आम्रपाली जोडिएक की लिफ्ट में फंसे रहे सात बच्चे, किया ये काम; गार्ड ने बचाया

माई सिटी रिपोर्टर, नोएडा Published by: अनुज कुमार Updated Tue, 18 Nov 2025 02:25 PM IST
सार

नोएडा की आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी में सोमवार शाम को एक भयावह घटना घटित हुई। जब एक लिफ्ट में सात बच्चे फंस गए।बच्चों की सूझबूझ और गार्ड की तत्परता से एक बड़े हादसे को टाल दिया गया।

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Noida Lift Stuck Seven children trapped in Amrapali Zodiac lift, rescued by guard
लिफ्ट में फंसे बच्चे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सेक्टर 120 स्थित आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी में शाम को भय का माहौल हो गया जब सोसाइटी के सात बच्चे एन टावर की एक ही लिफ्ट में फंस गए। दो-तीन मिनट तक फंसे रहे बच्चे बहुत बुरी तरह सहम गए थे और बच्चों ने मदद की गुहार लगाई लेकिन बाहर तक कोई आवाज ही नहीं आई। ऐसे में एक बच्चे ने इमरजेंसी का बटन दबाया। गार्ड ने सामने लगे कैमरे में देखा और कड़ी मशक्कत से ताकत लगाकर लिफ्ट का दरवाजा खोला।

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सोमवार की शाम को आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी के एन टावर में यह हादसा हुआ। पार्क में खेलने के बाद सभी बच्चे अपने ग्रुप के साथ ग्राउंड फ्लोर से लिफ्ट में सवार होते हैं। कोई सातवें तल पर और कोई दसवें तल पर जाने के लिए लिफ्ट का बटन दबाते हैं, लेकिन जैसी ही लिफ्ट चलती है, अचानक लिफ्ट में जोर से आवाज आती है और झटके के साथ लिफ्ट बंद हो जाती है। इसके बाद लिफ्ट ऊपर जाने की बजाय बेसमेंट माइनस 1 में चली गई और कुछ देर बाद वापस ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुक गई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
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ऐसे में सभी बच्चे डर गए और सभी ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया था। इस बीच एक बच्ची ने साहस करके लिफ्ट के अंदर से इमरजेंसी बटन दबाया। आवाज सुनकर ग्राउंड फ्लोर टावर गार्ड ने तुरंत एक्शन लिया। गार्ड ने कैमरे में देख लिया था कि लिफ्ट के अंदर कोई फंसा हुआ है। ऐसे में गार्ड ने पूरी ताकत बाहर से लिफ्ट का दरवाजा खोला और सारे बच्चों को सकुशल बाहर निकाला।

एन टावर निवासी गौरव असाती ने बताया कि टावर की सर्विस लिफ्ट का कार डोर और कुछ पार्ट्स पिछले 10 महीने से खराब हो हैं जिसकी शिकायत करने पर कोने लिफ्ट एलिवेटर्स ने एओए को पार्ट बदलने के लिए तीन लाख रुपये का कोटेशन जनवरी 2025 में सबमिट किया था, लेकिन एओए ने फंड की कमी बताकर फंड रिलीज नहीं किया। जबकि पिछले सात महीने में एओए ने 60 लाख रुपये अन्य चीजों पर खर्च किए हैं। यह रुपये टावरों की जलती हुए लाइटों को बदलने में, पार्कों में घास, नए फाउंटेन और बिना स्वीकृति के नया क्लब हाउस बनाने में खर्च किए हैं।

पुलिस और नोएडा प्राधिकरण में की जाएगी शिकायत
सोसाइटी निवासी वी टावर निवासी रंधीर गुप्ता, पी टावर निवासी केके मिश्रा और टी टावर निवासी गुंजन भास्कर सिंह ने बताया कि हमारे टावरों में भी लिफ्ट कई दिनों तक बंद पड़ी रहती है। आए दिन लिफ्ट फंसने से लोग परेशान होते हैं। यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो इसकी शिकायत पुलिस और नोएडा प्राधिकरण में की जाएगी और उचित कार्रवाई की मांग की जाएगी।

बड़ा हादसा हो सकता था
गौरव कहते हैं कि लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर रुकी ऐसे में बड़ा हादसा टल गया। यदि लिफ्ट टावरों के बीच में रुकती तो बच्चों का निकलना मुश्किल हो जाता। सोसाइटी में हो रहे लिफ्ट हादसों की वजह से बच्चे अकेले लिफ्ट में जाने से घबराते हैं। हर बार किसी बड़े व्यक्ति को साथ लेकर ही लिफ्ट में जाते हैं।

सोसाइटी में लिफ्ट फंसी थी, लेकिन लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर ही रुक गई और गार्ड ने तुरंत खोल दी थी। ऐसे में एक मिनट में ही बच्चे बाहर आ गए थे।- भानु प्रताप सिंह, एओए सचिव

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