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लक्ष्मी के जज्बे को सलाम: हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद की केदारनाथ यात्रा, चला रही हैं कैब; अब मिला सम्मान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनुज कुमार
Updated Tue, 13 Aug 2024 02:22 PM IST
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सार
राजधानी दिल्ली में दिल का प्रत्यारोपण करवाने वाली पहली मरीज लक्ष्मी नोटो ने सम्मानित किया। दिल के प्रत्यारोपण के बाद लक्ष्मी ने केदारनाथ की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने 14 किलोमीटर की चढ़ाई की। अब कैब चला रहीं हैं।

ऑपरेशन थिएटर
- फोटो : फ्रीपिक डॉट कॉम
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विस्तार
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दिल का प्रत्यारोपण करवाने वाली पहली मरीज लक्ष्मी देवी ने 14 किलोमीटर की केदारनाथ यात्रा की। यह एक लंबी चढ़ाई है। सामान्य व्यक्ति भी इस यात्रा को करने से डरता है, जबकि लक्ष्मी ने दूसरे का दिल पाकर इस यात्रा को पूरा किया।

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मौजूदा समय में वह महिला कैब ड्राइवर के रूप में काम कर रही हैं। वह हर दिन करीब 12 घंटे कैब चलाती हैं। इसी जज्बे को देखते हुए राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने उन्हें सम्मानित किया।
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आरएमएल के कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. विजय ग्रोवर का कहना है कि लक्ष्मी देवी ने दो साल का फॉलो-अप पूरा कर लिया है। वह पूरी तरह से ठीक हैं। उम्मीद है कि आगे भी उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।
डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्यारोपण से पहले पीड़िता कई माह से कार्डियोमायोपैथी बीमारी से पीड़ित थी। इस बीमारी के कारण महिला का दिल केवल 15 फीसदी ही काम कर रहा था। समस्या को देखते हुए हार्ट ट्रांसप्लांट का फैसला किया गया था। नोटो के नियम के तहत करीब दो साल पहले 21 अगस्त को पीजीआई चंडीगढ़ में ब्रेन डेड किशोरी के अंगदान से उन्हें दिल प्राप्त हुआ था।
विभाग में बेड हो जाएंगे डबल
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के निर्माण के बाद सीटीवीएस विभाग में बेड की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। मौजूदा समय विभाग में 20 बेड की सुविधा है। ब्लॉक के बनने के बाद बेड की सुविधा 40 हो जाएगी। डॉ. ग्रोवर का कहना है कि बेड की सुविधा बढ़ने के साथ उम्मीद है आने वाले दिनों में दिल का प्रत्यारोपण की सुविधा बढ़ेगी।