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कार रेंटल घोटाला : फर्जी दस्तावेजों से 3.5 करोड़ की लग्जरी गाड़ियां मेवात में बेचीं
संवाद न्यूज एजेंसी, नूंह
Updated Wed, 10 Sep 2025 10:24 PM IST
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तावड़ू। पंजाब में कार रेंटल के नाम पर चल रहे संगठित गिरोह का खुलासा हुआ है, जिसमें किराये पर ली गईं लगभग 100 लग्जरी गाड़ियां फर्जी दस्तावेज तैयार कर हरियाणा के नूंह जिले में सस्ते दामों पर बेची गईं। बेची गईं गाड़ियों की कीमत लगभग 3.50 करोड़ रुपये बताई जा रही है। नूंह और पंजाब पुलिस ने मामले में संयुक्त कार्रवाई करते हुए कुछ कारें बरामद कर ली हैं। इस खुलासे से मेवात क्षेत्र में इन गाड़ियों को खरीदने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है।
इस घोटाले का पता चंडीगढ़ के सेक्टर 46 निवासी महेश कुमार विमल की शिकायत से चला जिन्होंने जीरकपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई कि हरविंदर सिंह संधू ने उनकी 13 गाड़ियां किराये पर लेकर धोखाधड़ी की और फर्जी दस्तावेज बनाकर मेवात में बेच दीं।
जांच में पता चला कि यह गिरोह पंजाब के मोहाली, जीरकपुर, खरड़ और लुधियाना से ली गई गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज के जरिये मेवात में बेच रहा है। गिरोह का तरीका सुनियोजित है, जिससे खरीदारों को फर्जी दस्तावेज का पता नहीं चलता।
नूंह पुलिस के मुताबिक, ओडैक28 सेल्फ ड्राइव कार रेंटल नाम से जीरकपुर (पंचकूला) के पटियाला रोड पर कार रेंटल का व्यवसाय करने वाले महेश कुमार विमल ने बताया कि आरोपी हरविंदर सिंह संधू ने शुरू में गाड़ियां समय पर लौटाईं, लेकिन बाद में 13 गाड़ियां नहीं लौटाईं और किराया भी नहीं दिया। इन गाड़ियों में मारुति ब्रेजा, स्कॉर्पियो-एन, फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो क्लासिक, महिंद्रा थार, हुंडई आई 20 आदि शामिल हैं। कुल कीमत लगभग तीन करोड़ 50 लाख रुपये और बकाया किराया करीब 30 लाख रुपये है।
नूंह और पंजाब पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की और कुछ गाड़ियां बरामद की हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि सस्ती लग्जरी गाड़ियां खरीदते समय दस्तावेजों की सत्यता की जांच करें। नूंह पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि मामला पंजाब पुलिस से संबंधित है और नूंह पुलिस जांच में सहयोग कर रही है।

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इस घोटाले का पता चंडीगढ़ के सेक्टर 46 निवासी महेश कुमार विमल की शिकायत से चला जिन्होंने जीरकपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई कि हरविंदर सिंह संधू ने उनकी 13 गाड़ियां किराये पर लेकर धोखाधड़ी की और फर्जी दस्तावेज बनाकर मेवात में बेच दीं।
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जांच में पता चला कि यह गिरोह पंजाब के मोहाली, जीरकपुर, खरड़ और लुधियाना से ली गई गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज के जरिये मेवात में बेच रहा है। गिरोह का तरीका सुनियोजित है, जिससे खरीदारों को फर्जी दस्तावेज का पता नहीं चलता।
नूंह पुलिस के मुताबिक, ओडैक28 सेल्फ ड्राइव कार रेंटल नाम से जीरकपुर (पंचकूला) के पटियाला रोड पर कार रेंटल का व्यवसाय करने वाले महेश कुमार विमल ने बताया कि आरोपी हरविंदर सिंह संधू ने शुरू में गाड़ियां समय पर लौटाईं, लेकिन बाद में 13 गाड़ियां नहीं लौटाईं और किराया भी नहीं दिया। इन गाड़ियों में मारुति ब्रेजा, स्कॉर्पियो-एन, फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो क्लासिक, महिंद्रा थार, हुंडई आई 20 आदि शामिल हैं। कुल कीमत लगभग तीन करोड़ 50 लाख रुपये और बकाया किराया करीब 30 लाख रुपये है।
नूंह और पंजाब पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की और कुछ गाड़ियां बरामद की हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि सस्ती लग्जरी गाड़ियां खरीदते समय दस्तावेजों की सत्यता की जांच करें। नूंह पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि मामला पंजाब पुलिस से संबंधित है और नूंह पुलिस जांच में सहयोग कर रही है।