सुपरफ्लॉप साबित हुए भाजपा के पोस्टर बॉय प्रवेश वर्मा, अपने ही गढ़ में मिली हार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रवेश वर्मा को एक बड़ी भूमिका के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। एक रणनीति के तहत उन्हें अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में विशेष महत्व देने की कोशिश की जा रही थी।
लेकिन लगता है कि एक नया पोस्टर बॉय गढ़ने की भाजपा की रणनीति बुरी तरह असफल साबित हुई है। पश्चिमी दिल्ली लोकसभा चुनाव क्षेत्र से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा अपने लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के लिए एक भी सीट जिताने में नाकाम रहे हैं, जबकि इस चुनाव में सबसे अधिक आपत्तिजनक टिप्पणी कर उन्होंने चुनाव को प्रभावित करने की पूरी कोशिश की थी। उनकी लोकसभा में विधानसभा की दस सीटें हैं।
प्रवेश वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे एक समुदाय विशेष के वोट को सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश के तौर पर भी देखा गया था। उन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
अपनी विवादित टिप्पणियों के लिए उन्हें चुनाव आयोग से प्रतिबंधित भी होना पड़ा है। इस मामले में अभी भी जांच चल रही है। लेकिन प्रवेश वर्मा की पूरी कोशिश व्यर्थ साबित हुईं और वे अपनी ही लोकसभा में मतदाताओं को प्रभावित करने में असफल रहे।
प्रवेश वर्मा के लिए सबसे बड़ी चोट उनके पिता साहिब सिंह वर्मा की मुंडका विधानसभा सीट को न बचा पाना भी माना जा रहा है। साहिब सिंह वर्मा मुंडका से ही थे और इस सीट पर उनका बड़ा प्रभाव माना जाता रहा है।
उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की इस सीट पर इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के धर्मपाल लाकड़ा को जीत मिली है। उन्हें 90,293 वोट मिले हैं। भाजपा के आजाद सिंह को 19 हजार से ज्यादा वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा है। इसे भाजपा की जाट वोटों को अपने पक्ष में मोड़ने की राजनीति को नकारे जाने के रूप में भी देखा जा रहा है।