सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Jafrabad Violence was Big conspiracy to create hurdles to Donald Trump delhi visit

ट्रंप के दिल्ली दौरे में बाधा डालने की थी बड़ी साजिश, क्या पुलिस अपनी चूक पर डाल रही है पर्दा!

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Mon, 24 Feb 2020 08:25 PM IST
सार

  • पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक कंट्रोल रूम में बैठकर हालात पर रखे हुए हैं नजर
  • प्रदर्शन स्थलों के आसपास भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती
  • गोकलपुरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल शहीद, शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा को भी लगी चोट

विज्ञापन
Jafrabad Violence was Big conspiracy to create hurdles to Donald Trump delhi visit
जाफराबाद में गाड़ियों में लगाई आग - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली पहुंचने से पहले सोमवार को जाफराबाद इलाके में सीएए को लेकर हुई हिंसा पर केंद्र सरकार का कहना है कि यह सब ट्रंप के दौरे में बाधा डालने की एक साजिश है। सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके से यह हिंसा हुई है, उसकी प्रारंभिक जांच बताती है कि यह सब सुनियोजित था। ट्रंप के आने से पहले गुप्त साजिश रची गई।
Trending Videos


साजिश के तहत हुए हिंसा के तांडव पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक कंट्रोल रूम में बैठकर हालात पर नजर रखे हुए हैं। दूसरी ओर, जाफराबाद की घटना पर एक सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या दिल्ली पुलिस अपनी चूक पर पर्दा डाल रही है।

विज्ञापन
विज्ञापन


रविवार को भी कई जगह उग्र प्रदर्शन हुआ था, लेकिन उसके बावजूद दिल्ली पुलिस सोमवार की हिंसा को टालने में असफल रही। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने देर शाम कहा, स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि इस दौरान दिल्ली पुलिस के एक कर्मी शहीद हो गया। उन्होंने बताया कि कुछ चुनिंदा जगहों पर एक साथ हजारों लोगों का पहुंचना यह इशारा करता है कि यह सब सुनियोजित साजिश थी।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। प्रदर्शन स्थलों के आसपास भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। केंद्र सरकार के सूत्र भी कुछ ऐसा ही बता रहे हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे से पहले दिल्ली का शांतिपूर्वक माहौल बिगाड़ने के लिए साजिश रची जा रही है।

रविवार को भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोधी और समर्थक गुटों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। सोमवार को दूसरे दिन जाफराबाद और मौजपुर इलाके में दो गुटों के बीच पथराव हुआ। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग लगा दी। पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

इसी घटना में गोकलपुरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल शहीद हो गए। शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा को भी चोट लगी हैं। लोगों की भीड़ ने उनकी गाड़ी जला दी। डीएमआरसी को कई मेट्रो स्टेशन बंद करने पड़े।
 

केंद्र सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, शाहीन बाग में शांतिपूर्वक प्रदर्शन चल रहा था। बाद में वह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। वहां पर भी माहौल खराब करने की कोशिश हुई, लेकिन सुरक्षा बलों ने प्रदर्शन को हिंसक होने से रोके रखा। उसके बाद दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गए।

रविवार को जहां पर प्रदर्शन हुए, उसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को काबू किया। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस के एक रिटायर अधिकारी बताते हैं कि यह सीधे तौर पर दिल्ली पुलिस की चूक है। अमेरिकी राष्ट्रपति के दिल्ली आगमन से कुछ घंटे पहले हिंसा हो जाती है। यह सीधे तौर पर पुलिस और खुफिया एजेंसी की असफलता है।

जब रविवार को उन जगहों पर उग्र प्रदर्शन हुआ, तो उसके बाद पुलिस की अपनी खुफिया विंग और आईबी क्या कर रही थी। ऐसा नहीं हो सकता है कि बिना किसी पूर्व तैयारी या पुख्ता सूचना के हजारों आदमी किसी जगह पर पहुंच जाते हैं।

अगर पुलिस समय रहते यह पता लगा लेती कि उक्त इलाकों में कौन साजिश रच रहा है। वहां पर सोशल मीडिया में क्या चल रहा है। इन सभी बातों तक दिल्ली पुलिस और आईबी नहीं पहुंच सकी।

सोशल मीडिया पर भेजे गए थे मैसेज

रविवार से लेकर सोमवार दोपहर तक प्रदर्शन को लेकर बहुत कुछ बातें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थीं। कौन से मेट्रो स्टेशन पर एकत्रित होना है, कहां नारेबाजी या हिंसा होगी, दिल्ली पुलिस इन तथ्यों को नहीं समझ पाई। यहां तक कि ऐसे संदेश वाले वीडियो भी खूब चलते रहे, जिनमें अपने अपने समर्थकों से खुली अपील की जा रही थी।

क्या पुलिस पर कोई दबाव था। सोमवार सुबह भी ऐसे वीडियो वायरल होते रहे। पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया। एक सवाल यह भी उठता है कि पुलिस ने किसी दबाव के चलते कोई कदम नहीं उठाया या फिर उसकी खुद की प्लानिंग इतनी कमजोर थी कि जाफराबाद इलाके की हिंसा को नहीं रोका जा सका।

केंद्रीय गृह सचिव एवं दूसरे अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं। उनकी केवल एक ही दलील है कि ये सब सुनियोजित साजिश है। फिलहाल एलजी अनिल बैजल ने भी दिल्ली पुलिस आयुक्त को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए हैं। गृह मंत्रालय में इस मामले को लेकर उच्चस्तरीय बैठक हुई।

गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी का कहना है कि इस मामले की जांच होगी। अतिरिक्त सुरक्षा बल लगा दिए हैं। हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed